किसान ने अब दी टावर से कूद कर जान

punjabkesari.in Saturday, Apr 25, 2015 - 04:32 AM (IST)

खरखौदा: फसल बर्बादी के अवसाद ने एक और किसान की जान ले ली। प्रशासन किसानों की मदद के कितने भी दावे करे, लेकिन खरखौदा के धनतला गांव में व्यवस्था की असंवेदनशीलता का कुरूप चेहरा भी दिखा। कर्ज के बोझ से दबे एक किसान ने मोबाइल टावर से कूदकर खुदकुशी कर ली।


ग्रामीणों के मुताबिक किसान कुछ दिनों से अवसाद में था। शुक्रवार 11 बजे के आसपास वह गांव में लगे मोबाइल टावर पर चढ़ गया। पुलिस-प्रशासन को भी सूचना दी गई, लेकिन पांच घंटों तक सरकारी अमला तमाशबीन बना रहा और आखिरकार अवसाद ग्रस्त किसान टावर से कूद गया। किसान की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। घंटों चले हंगामे के बाद किसान का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका।


धनतला के योगेंद्र उर्फ लीलू की नौ बीघा गेंहू की फसल बरसात के कारण बर्बाद हो गई है। उस पर साहूकारों का करीब पांच लाख रुपये का कर्ज भी बताया जा रहा है। इन सबके चलते योगेंद्र मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। सुबह ग्यारह बजे के करीब वह गांव के मोबाइल टावर पर चढ़ गया। योगेंद्र को समझाने के लिए गांव के कई लोग टावर पर चढ़े, लेकिन बात न बनने पर सूचना सरकारी अमले को दी गई।


पुलिस और नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद तो रहा, लेकिन खामोश तमाशाई की तरह। न तो किसान से कोई बात की गई और न ही उसे बचाने का कोई प्रयास किया गया। करीब पांच घंटे तक चले तमाशे के बाद योगेंद्र टावर से कूद गया। सरकारी अमले की मौजूदगी में किसान की मौत से पूरे गांव में आक्रोश फैला गया और गुस्साए ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार और


पुलिस कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटना शुरू कर दिया। योगेंद्र की आत्म हत्या की सूचना पर एसडीएम सदर, एसपी क्राइम व सीओ किठौर भारी पुलिस बल के साथ यहां पहुंचे। ग्रामीण डीएम को मौके पर बुलाने तथा मृतक के परिजनों को दस लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग पर अड़ गए। बाद में यहां एडीएम ने मृतक किसान के परिजनों को तीन दिन में मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रुपये दिलाने तथा किसान दुर्घटना बीमा की रकम दिलाने का आश्वासन देकर लोगों को शांत किया।
इनका कहना है


किसान की मौत की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। किसान की फसल के नुकसान का सर्वे हो चुका था और मुआवजे की मंजूरी का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका था। किसान के परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी।
 

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