पुलिस थानों और चौकियों के पास अपने भवन नहीं, वाहनों की कमी से जूझ रहे पुलिस कर्मी

punjabkesari.in Friday, Apr 03, 2015 - 12:54 PM (IST)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में जनसंख्या के अनुपात में पुलिस कर्मचारियों की संख्या बेशक देश के अन्य राज्यों से अधिक है, लेकिन यहां पुलिस विभाग ढांचागत विकास और पुलिस कर्मचारी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं।

बहुत से थानों एवं चौकियों के पास न तो अपने भवन हैं और न ही पर्याप्त वाहन हैं, जिनके जरिए पुलिस कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचकर अपराधियों की धरपकड़ कर सकें। दर्जनों थानों और चौकियों में कार्यरत कर्मचारियों को खाने और स्टेशनरी का सामान तक नहीं मिल पा रहा है। यह खुलासा वित्त राज्यमंत्री पवन गुप्ता द्वारा  राज्य विधानसभा में पेश की गई भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ है।
वर्ष 2014 की इस कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में एक लाख जनसंख्या के पीछे औसतन 140 पुलिस कर्मियों की तुलना में जम्मू-कश्मीर के जिन 8 जिलों को चैक किया गया, उनमें एक लाख की जनसंख्या पर 261 से 734 पुलिस कर्मी तैनात पाए गए हैं। ऐसे में राज्य में पुलिस कर्मियों की संख्या चाहे देश की औसत से काफी ज्यादा हो, लेकिन सुविधाओं के मामले में राज्य पुलिस की हालत बेहद खराब है।

राज्य के कुल 195 में से 18 पुलिस थानों और 192 में से 103 पुलिस चौकियों के पास अपने भवन तक नहीं हैं। कैग द्वारा चैक किए गए जिलों में पाया गया कि 16 थानों एवं चौकियों में पुलिस कर्मचारियों को खाने के पसे नहीं मिल रहे, जबकि 80 पुलिस थानों एवं चौकियों में स्टेशनरी का सामान तक उपलब्ध नहीं करवाया गया है। पुलिस में कार्यरत अधिकारियों में से 84 प्रतिशत अधिकारियों और 91 प्रतिशत कर्मचारियों को परिवारों के लिए सरकारी आवास नहीं मिल पाए हैं। राज्य पुलिस के लिए आवश्यक 300 बैरक में से पुलिस कर्मियों को 207 बैरक ही उपलब्ध हो पाए हैं।
 


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