हर शादीशुदा महिला की खुदकुशी की वजह प्रताडऩा नहीं: अदालत

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2015 - 02:41 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने आज एक शख्स को संदेह का लाभ देकर बरी करते हुए कहा कि शादीशुदा महिलाओं की खुदकुशी के हर मामले में यह पहले से ही नहीं मान लेना चाहिए कि उसने पति या ससुराल वालों की प्रताडऩा से तंग आकर यह कदम उठाया होगा। 

अदालत ने कहा, ‘‘छोटे-छोटे मुद्दों पर मारने-पीटने की मामूली घटनाएं हर परिवार में हो सकती हैं और इन ओछे मुद्दों को गैर-जरूरी तरीके से हद से ज्यादा खींचना और इसे आई.पी.सी. की धारा 498-ए के तहत परिभाषित क्रूरता के दायरे में लाना असुरक्षित एवं नुक्सानदेह होगा।’’ 
 
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनोज जैन ने दिल्ली निवासी जगमोहन को संदेह का लाभ देते हुए क्रूरता, दहेज हत्या और अपनी पत्नी को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों से बरी कर दिया। जगमोहन की पत्नी ने पिछले साल जुलाई में खुदकुशी कर ली थी। 

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