AAP में दो फाड़, भूषण ने चिट्ठी लिखकर केजरीवाल पर बोला हमला

punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2015 - 08:16 AM (IST)

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी(आप) की ओर से गठित किए गए आतंरिक लोकपाल ने रविवार को कहा कि आपसी संवाद और विश्वास के टूट जाने के कारण पार्टी दो खेमों में बंट गई हैं। एक विस्तृत नोट में पूर्व नौसेना प्रमुख और आप के लोकपाल एडमिरल रामदास ने कहा कि पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सभी वरिष्ठ सदस्य मुख्यत संसदीय मामलों की समिति (पीएसी) के सदस्य एकजुट है।
रामदास ने पीएसी को लिखे एक पत्र में कहा कि छह से आठ महीने से वरिष्ठ नेतृत्व के बीच संवाद टूट जाने के कारण पार्टी में दो खेमे पैदा हो गए है। एडमिरल रामदास ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच संवाद और आपसी विश्वास में कमी आई है,  यह अस्वीकृत है। यह दिखाता है कि हम उन दलों से अलग नहीं है जिनकी हम मुखर आलोचना करते है। 
 
रामदास ने किए सवाल
1. पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक क्यों नहीं?
2. पार्टी में क्यों नहीं सह-संयोजक बनाया जाए?
3. पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं?
4. कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा?
5. मंत्रिमंडल में एक भी महिला क्यों नहीं?
6. पार्टी के भीतर अविश्वास का माहौल क्यों?
7. पीएसी-कार्यकारिणी का पुनर्गठन क्यों नहीं?
 
प्रशांत भूषण ने पत्र लिखकर केजरीवाल पर बोला हमला
आम आदमी पार्टी में आंतरिक कलह तेज हो गई है।  प्रशांत भूषण के राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लिखी गई पत्र के बाद संजय सिंह ने ट्वीट कर केजरीवाल के पक्ष में मोर्चा संभाल लिया है। संजय सिंह ने अपने ट्वीट में कहा है कि केजरीवाल को संयोजक पद से हटाने की मांग करने वाले कार्यकर्ताओं की भावना का भी ख्याल रखें। उधर, प्रशांत भूषण ने अपनी पत्र में केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने पार्टी के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि पार्टी एक व्यक्ति केंद्रित होती जा रही है। इससे पहले रविवार की दोपहर आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में योगेंद्र यादव को पार्टी से हटाने की मांग उठी। पार्टी से योगेन्द्र यादव को हटाने की मांग को लेकर पार्टी फोरम में उनके खिलाफ पांच सबूत रखे गए हैं।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लिखी अपनी पत्र में प्रशांत भूषण ने कहा है कि पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र तो है, लेकिन स्वराज नहीं है. उन्होंने पार्टी के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाने के साथ पार्टी फंड की जांच के लिए एथिक्स कमेटी की मांग भी की है। भूषण ने अपने पत्र में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पीएसी की बैठकें नियमित तौर पर ना होने का आरोप लगाया है।
 

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