गजब : पशुपालन मंत्री की डिमांड, लोग घरों में पालें शेर व बाघ

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2015 - 08:48 PM (IST)

भोपाल. मध्य प्रदेश की एक मंत्री ने अजीब सुझाव देते हुए ऐसा कानून बनाए जाने की मांग की है जो लोगों को शेरों और बाघ जैसे जानवरों को घर में पालतू जानवरों की तरह पालने की इजाजत देता है। ऐसा उन्होंने बाघों के संरक्षण का हवाला देते हुए कहा है। पशुपालन, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुसुम मेहदले ने राज्य के वन विभाग को भेजे एक प्रस्ताव में थाइलैंड जैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों और कुछ अफ्रीका देशों में ऐसे कानूनी प्रावधान होने का हवाला देते हुए देश में भी ऐसे कानून की मांग की है। उनका कहना है कि जिन देशों में पहले से ऐसा कानून है वहां इन जानवरों की आबादी को बढ़ाने में मदद मिली है।
 
देश में बाघों के संरक्षण के लिए विभिन्न परियोजनाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए मंत्री ने कहा है कि इन परियोजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन बाघों की संख्या में कोई आश्चर्यजनक वृद्धि नहीं हुई है । मंत्री ने कहा है कि थाइलैंड और कुछ अन्य देशों में लोगों को शेरों और बाघों को पालतू जानवरों के तौर पर रखने के लिए कानूनी मान्यता है । उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि इन देशों में ऐसे जानवरों की संख्या में आश्चर्यजनक तरीके से वृद्धि हुई है । राज्य के वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार को पिछले साल सितंबर में भेजे गए प्रस्ताव में मंत्री ने कहा है कि यदि ऐसी कोई संभावना तलाशी जाती है तो जरुरी कार्रवाई करते हुए दिशानिर्देश जारी किए जाएं। मंत्री से मिले सुझावों को मानते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य प्रधान वन संरक्षक नरेन्द्र कुमार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और भारतीय वन्यजीव संस्थान को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव पर उनकी टिप्पणियां मांगी हैं। कुमार ने एक पत्र में लिखा है, कृपया इस संबंध में अपने सुझाव या टिप्पणियां दें ताकि मंत्री को इसके बारे में बताया जा सके। मध्य प्रदेश में छह बाघ संरक्षण अभयारण्य हैं जहां 257 बाघ हैं. इनमें बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना, बोरी सतपुडा , संजय दुबरी और पेंच शामिल हैं। देश में वर्ष 2010 में बाघों की अनुमानित संख्या 1706 थी जो ताजा आंकड़ों के अनुसार 2014 में 2226 बतायी जाती है । 

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