पढि़ए, ओबामा और मोदी के ''मन की बात''

punjabkesari.in Tuesday, Jan 27, 2015 - 09:20 PM (IST)

नई दिल्ली: आकाशवाणी के जरिए देशवासियों से ‘मन की बात’ कहने का कार्यक्रम शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को शामिल कर इसे एक नया और अनोखा रूप दे दिया।

ओबामा ने इस कार्यक्रम में शामिल होने को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताया। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होने के साथ ही वह इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति भी बन गए हैं। 


मोदी ने आज के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को विशेष बताया क्योंकि इसमें पहली बार किसी विदेशी राजनेता ने अपने मन की बात उनके साथ रखी। प्रधानमंत्री ने आम जनता से सीधे बात करने के लिए पिछले साल तीन अक्टूबर को यह कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम वह विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं और लोगों से मिले पत्रों में से कुछ का उल्लेख भी करते है।  मोदी की पिछले वर्ष की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने एक अखबार में साथ लेख लिखा था जिसकी व्यापक रूप से चर्चा हुई थी। इस कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी के सभी कें द्रों और उसके एफएम चैनलों,  निजी एफएम चैनलोंस दूरदर्शन के सभी चैनलों, सामुदायिक रेडियो और इंटरनेट पर किया गया।

-ओबामा ने कहा कि मेरी दोनों बेटियां भारत से प्रभावति हैं। मेरी बेटियां स्कूल की वजह से भारत नहीं आईं। भारत की मेजबानी लाजवाब है। भारत-अमेरिका में कई समानताएं हैं। 

-मोदी ने कहा कि बेटी बचाना और बेटी पढ़ाना पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारी है और इसे अवश्य पूरा करना चाहिए। बेटियां बचाना और बेटियां पढ़ाना सामाजिक एवं पारिवारिक कत्र्तव्य है और इसे अवश्य निभाना चाहिए। मोदी से सरकार की बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में सवाल पूछा गया था।

-आेबामा ने कहा कि उन्होंने व्हाइट हाउस तक पहुंचने की कल्पना कभी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि वह और मोदी खुशनसीब हैं कि एक सामान्य परिवेश से आने के बावजूद दोनो को असामान्य अवसर मिले।  

-मोदी ने कहा कि मैंने जीवन में कुछ बनने का सपना नहीं देखा। मैंने हमेशा कुछ करने का सपने देखा। हमेशा कुछ करने के सपने देखने चाहिए। कुछ करने से संतोष मिलता है। 

-ओबामा ने कहा कि भारत और अमेरिका के लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता है कि एक चाय बेचने वाला या मुझ जैसा एक व्यक्ति जिसे अकेली मां ने पाला पोसा हो, वे आज अपने अपने देशों का नेतृत्व कर रहे हैं।

-मोदी ने कहा कि ‘बराक’ अफ्रीका की स्वाहिली भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है जिसे ‘आशीर्वाद प्राप्त’ है। उनके परिवार ने उन्हें यह नाम देकर बहुत बड़ा तोहफा दिया है।


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