दिल्ली: 2014 में ड्यूटी के दौरान 16 पुलिसकर्मियों की मौत

punjabkesari.in Thursday, Jan 15, 2015 - 01:57 AM (IST)

नई दिल्ली: बीते साल दिल्ली पुलिस ने ड्यूटी के दौरान अपने 16 पुलिसकर्मियों को खोया। यह दशक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। मारे गए पुलिस कर्मियों में से आठ की या तो हत्या कर दी गई या फिर उनकी वाहनों से कुचलकर मौत हो गई। दो दिन पहले सोमवार रात एक शराब तस्कर ने गोली मारकर एक पुलिस कर्मी की हत्या कर दी थी, और दूसरे मामले में मंगलवार तड़के एक पुलिसकर्मी के वाहन को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी। 

ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की मौत के मामले बढऩे से राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस कर्मियों की सुरक्षा चर्चा का विषय बना गया है। जून के बाद से ऐसे मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक इन 16 पुलिसकर्मियों में से चार की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि तीन को जानबूझकर ड्यूटी के दौरान रौंद दिया गया। 
 
आंकड़े के अनुसार, अन्य नौ पुलिस कर्मियों की मौत पिछले साल हुए सड़क हादसों और रेल हादसों के दौरान हुई। आंकड़ों में कहा गया है कि चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, 11 लोग सड़क हादसे में मारे गए और एक की मौत रेलगाड़ी से टकराने के कारण हुई। इसके अलावा 11 अन्य पुलिस कर्मियों की प्राकृतिक कारणों जैसे दिल का दौरा पडऩे से ड्यूटी पर मौत हुई। दिल्ली पुलिस ने 2013 में अपना एक अधिकारी खोया था, 2012 में चार और 2011 में एक अधिकारी खोया था। इन सभी की ड्यूटी के दौरान जानबूझकर हत्या की गई थी। 
 
पुलिसकर्मियों की हत्या के बढ़ते मामलों से उनके प्रशिक्षण और उनके हथियारों पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। एक हवलदार के पास एमपी-5 नौ मिमी बंदूक होती है, जबकि एक सहायक उप निरीक्षक और उसके ऊपर के अधिकारियों को नौ मिमी की पिस्तौल दी जाती है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर अनुग्रह राशि दी जाती है, जबकि कुछ मामलों में दिल्ली के उपराज्यपाल मुआवजे के रूप में एक करोड़ का योगदान करते हैं। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने आईएएनएस को बताया कि तोमर और धर्मपाल को 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई जबकि माना राम और जगवीर सिंह के परिजनों को दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई। 
 
ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की जानबूझकर हत्या को लेकर जिला पुलिस को समय-समय पर विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के लिए कहा गया है। उत्तरी क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त आर.एस. कृष्णा ने आईएएनएस से कहा, ‘‘प्रशिक्षण एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। पुलिस कर्मियों को 20-25 के समूह में प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम नियमित आधार पर चलते हैं।’’
 

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