Bengaluru: कर्नाटक सरकार ने जांच रिपोर्ट को दी मंज़ूरी, RCB और पुलिस पर होगी बड़ी कार्रवाई
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 06:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई दुखद भगदड़ में अब बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। कर्नाटक सरकार ने इस घटना की न्यायिक जांच रिपोर्ट को मंज़ूरी दे दी है, जिसमें 11 लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे। इस रिपोर्ट के बाद, RCB (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर), इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन और बेंगलुरु पुलिस पर अब शिकंजा कसने वाला है।
रिपोर्ट के मुताबिक, RCB द्वारा IPL 2025 जीतने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक भव्य जश्न आयोजित किया गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि इस कार्यक्रम के लिए आयोजकों ने न तो प्रशासन से कोई अनुमति ली थी, और न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। भीड़ की भारी संभावना होने के बावजूद, कार्यक्रम को ज़बरदस्ती जारी रखा गया, जबकि उसी समय स्टेडियम के बाहर भगदड़ की खबरें आने लगी थीं।
'गंभीर लापरवाही' और 'कर्तव्यच्युतता' का मामला
जस्टिस जॉन माइकल डीकुन्हा की अध्यक्षता वाले आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि यह घटना 'गंभीर लापरवाही और कर्तव्यच्युतता' का परिणाम थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि RCB, KSCA, DNA और बेंगलुरु पुलिस सभी ने सुरक्षा के प्रति गैर-ज़िम्मेदाराना रवैया अपनाया, जिसके कारण यह भयावह हादसा हुआ।
सुरक्षा व्यवस्था की भयावह तस्वीर
रिपोर्ट ने सुरक्षा व्यवस्था की एक बेहद चिंताजनक तस्वीर पेश की है:
भीड़भाड़ की आशंका के बावजूद, पूरे स्टेडियम के अंदर केवल 79 पुलिसकर्मी तैनात थे, और स्टेडियम के बाहर एक भी पुलिसकर्मी नहीं था। हादसे के वक्त मौके पर कोई एम्बुलेंस भी मौजूद नहीं थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त खुद भगदड़ के लगभग 30 मिनट बाद मौके पर पहुँचे।
जाँच और आगे की कार्रवाई
इस रिपोर्ट को तैयार करने से पहले, आयोग ने कई चश्मदीदों, पुलिस अधिकारियों और इवेंट से जुड़े लोगों से पूछताछ की। इसके अलावा, घटनास्थल का कई बार निरीक्षण भी किया गया। रिपोर्ट आने के बाद, सरकार ने पहले ही 5 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था, जिनमें उस समय के बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर और दो IPS अफसर शामिल थे। अब सरकार ने इस रिपोर्ट को आधिकारिक रूप से मंज़ूरी दे दी है, जिससे RCB और अन्य ज़िम्मेदार संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने का रास्ता साफ हो गया है। जनता और मृतकों के परिजन इस फैसले का लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे।