एप्प्ल को बदलनी पड़ेगी रणनीति, महंगा हो सकता है आई फोन
punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 12:26 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जानकारों का मानना है कि ट्रंप के इस झटके के बाद एप्पल को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है और आई फोन की कीमतें भी बढ़ानी पड़ सकती हैं आई डी सी इंडिया,साउथ एशिया और ए एन ज़ेड के डिवाइस रिसर्च के सहायक उपाध्यक्ष नवकेंद्र सिंह के मुताबिक "25% टैरिफ से एप्पल की भारत को अमेरिकी बाजार के लिए आई फोन एक्सपोर्ट का प्रमुख आधार बनाने की योजना पर असर पड़ेगा।" एप्पल द्वारा बाने जाने वाले करीब 25 प्रतिशत फोन अमरीका में बिकते हैं और कंपनी को अमरीका के लिए हर साल करीब छह करोड़ आई फोन बनाने पड़ेंगे और अमरीका को इतनी बड़ी सप्लाई करने के लिए एप्पल को प्रोडक्शन बढ़ाने की जरूरत थी लेकिन अब कंपनी की इस योजना पर इस टेरिफ का निश्चित रूप से असर पड़ेगा।
भारत और चीन दोनों पर टैरिफ के साथ, एप्पल के सामने कठिन विकल्प है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के उपाध्यक्ष नील शाह ने कहा, "भारत और चीन ही दो व्यवहार्य प्रोडक्शन बेस हैं. ब्राजील तीसरा विकल्प है, लेकिन वहां फॉक्सकॉन की क्षमता सीमित है और इसे बढ़ाने में समय लगेगा।"
बढ़ती लगात कंपनी के लिए चिंता
एप्पल पहले से ही टी एस एम सी के नए 3 एन एम चिप की बढ़ती लागत से जूझ रहा है। कंपोनेंट लागत और अब टैरिफ के कारण एप्पल को कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं, जैसा सैमसंग ने अपने फोल्डेबल फोनों के साथ किया।" आने वाले महीनों में आई फोन लॉन्च इस अतिरिक्त दबाव को संतुलित करने का अवसर हो सकता है।
एप्पल ने भारत के लिए बनाई है बड़ी योजना
एप्पल ने अपनी 'चाइना-प्लस-वन' रणनीति के तहत भारत में अपने साझेदार फॉक्सकॉन के जरिए आई फोन प्रोडक्शन बढ़ा रहा था, हाल के महीनों में अमेरिका को भेजे गए लगभग आधे आई फोन भारत में बने थे। भारत में प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट मेंएप्पल की बाजार हिस्सेदारी 55 प्रतिशत है। नील शाह ने कहा, "भारत से बढ़ते निर्यात ने ट्रंप की चिंता बढ़ाई है, जो एप्पल की भारत पर बढ़ती निर्भरता को देख रहे हैं।
यह टैरिफ भारत से इंपोर्ट पर दबाव डालने और अमेरिका में प्रोडक्शन को बढ़ावा देने की रणनीति है।" शाह ने कहा कि यह कदम ट्रंप को भारत के साथ व्यापार घाटे पर लाभ उठाने का जियो-पॉलिटिकल अवसर भी देता है।15 मई को दोहा कतर में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने एप्पल के सी ई ओ टिम कुक से बात की और कहा कि भारत में कारखाने केवल भारतीय बाजार के लिए बनाए जाने चाहिए। शाह के अनुसार एप्पल फिलहाल इंतजार करने और नीतिगत बदलावों पर नजर रखने की रणनीति अपना सकता है।
कंपनी या तो लागत को खुद उठाएगी, या इसे कंज्यूमर पर डालेगी, या नीति में बदलाव की उम्मीद करेगी, जैसा ट्रंप के साथ पहले हुआ है। शाह ने कहा कि अगले आई फोन लॉन्च से पहले कीमतों में तुरंत ग्रोथ नहीं हो सकती, लेकिन कीमत कंसोलिडेशन संभव है।
भारत में बने हैं अमरीका में बिकने वाले 44 प्रतिशत फोन
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत अपर लगाए गए 25 प्रतिशत टेरिफ का बड़ा शिकार अमरीका की अपनी ही स्मार्ट फोन निर्माता कंपनी एप्पल भी बनेगी। हाल ही में रिसर्च फर्म कनेलीज की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमरीका को स्मार्ट फोन निर्यात करने के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है।
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में अमरीका द्वारा आयात किए गए कुल स्मार्ट फोन्स में से 44 प्रतिशत फोन भारत में बने हैं जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आँकड़ा महज 13 प्रतिशत था। भारत में बने स्मार्ट फोन्स का निर्यात पिछले साल के मुकाबले 240 प्रतिशत बढ़ गया है जबकि चीन में बने स्मार्टफोनों का अमेरिका में हिस्सा 61 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 25% रह गया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच अनिश्चित व्यापार संबंधों को देखते हुए एप्पल ने भारत में निर्माण को तेज़ी से बढ़ाया है और अब वह अपने निर्यात का बड़ा हिस्सा अमेरिका को भेज रहा है।लेकिन ट्रंप द्वारा भारत पर टेरिफ लगाए जाने के बाद अब इस का असर एप्पल पर भी पड़ना तय माना जा रहा है
एप्पल की भारत में निवेश योजना में कोई बदलाव नहीं
अप्रैल में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई टेरिफ की घोषणा के बाद मई में एप्पल के सी ई ओ टीम कुक ने भारत सरकार को आश्वस्त किया था कि भारत में निवेश को लेकर उनकी कंपनी की नीति में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है और एप्पल भारत को एक महत्वपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में इस्तेमाल करती रहेगी। गौर तलब है कि भारत अब एप्पल के लिए एक महत्वपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग बेस बन चुका है। मार्च 2025 को समाप्त वर्ष में कंपनी ने भारत में लगभग 22 बिलियन डालर (करीब ₹1.83 लाख करोड़) के आई फोन बनाए, जो पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है। दुनिया में बिकने वाले हर पांच में से एक आई फोन का निर्माण भारत में हो रहा है।