'मोदी सरकार खिलाड़ियों के साथ...हिमाचल दौरा रद्द करके सुनी थी खिलाड़ियों की बात', पहलवानों के प्रदर्शन पर बोले अनुराग ठाकुर

punjabkesari.in Thursday, Apr 27, 2023 - 06:15 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के प्रदर्शन पर गुरूवार को कहा कि मैने अपना हिमाचल दौरा रद्द करके पहलवानों से बात की, उनकी हर बात सुनी और समिति बनाई गई जिसकी 14 बैठकें हुई। ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है और उसमें हमने कभी कोई समझौता ना पहले किया और ना ही आगे करेंगे।

ठाकुर ने कहा कि उन्हें निगरानी समिति के गठन से पहले विरोध कर रहे पहलवानों से बात की थी और उनकी मांग के अनुसार बबीता फोगाट को समिति में जगह भी दी गई थी। ठाकुर ने शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सवालों के जवाब देते हुए कहा, ‘‘सरकार बहुत स्पष्ट है, मोदी सरकार सदा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हम खिलाड़ियों के साथ खड़े थे, खिलाड़ियों को सुविधाएं दी और उन्हें बढ़ावा देने का काम किया। हमारे लिए खेल और खिलाड़ी प्राथमिकता हैं। उसके लिए हम कहीं पर भी कोई भी समझौता नहीं करते। ना आज तक किया है और ना आगे करेंगे।''

खिलाड़ियों के विरोध पर खेल मंत्री ने कहा, ‘‘जहां तक आप कुश्ती की बात करते हैं तो कुछ खिलाड़ी अगर आज जंतर-मंतर पर बैठे हैं, उनसे किसने बात की। मैं हिमाचल प्रदेश का अपना पूरा दौरा रद्द करके 12 घंटे उनके साथ बैठा। सात घंटे एक दिन और साढ़े पांच घंटे अगले दिन। पूरी बातें सुनी। रात को दो-ढाई बजे प्रेस कांफ्रेंस हुई। उनसे पूछ कर समिति बनाई गई। '' उन्होंने कहा, ‘‘शिकायत करने वाले समिति नहीं बनाते लेकिन सरकार को बनानी थी तो हमने बनाई। उन्होंने एक और व्यक्ति को शामिल करने को कहा। उन्होंने बबीता फोगाट का नाम दिया। हमने उसे भी शामिल किया क्योंकि हमारे मन में कुछ नहीं है। हम निष्पक्ष जांच चाहते थे। निगरानी समिति बनाई गई। निगरानी समिति के सामने जो भी अपनी बात रखना चाहता था उसे अवसर दिया गया। किसी पर कोई रोक नहीं थी। इनके कारण समय-सीमा भी बढ़ी थी। हमने समय-सीमा बढ़ाने का काम भी किया।''

ठाकुर ने कहा कि निगरानी समिति की 14 बैठकें हुईं और किसी को भी सुनवाई के लिए आने से कभी नहीं रोका गया। उन्होंने कहा, ‘‘समिति की 14 बैठकें हुई। जिस खिलाड़ी ने कहा कि मुझे आना है, वह आए। खिलाड़ी ने अगर किसी का नाम लिया और वह आना भी नहीं चाहता था तो हमने उसे भी आने की अनुमति दी। समिति की रिपोर्ट में जो कहा गया, उसके जो मुख्य निष्कर्ष थे कि निष्पक्ष चुनाव हों, तब तक कोई तदर्थ समिति बने, 45 दिन के भीतर चुनाव हों। आंतरिक शिकायत समिति बने, अगर किसी को मानसिक, यौन उत्पीड़न की शिकायत है तो महासंघ में उसके लिए समिति बने तो हमने उसके लिए भी कहा।''

ठाकुर ने कहा, ‘‘ इसके साथ-साथ अगर कोई और समस्या है, जैसे टीम चयन है, टूर्नामेंट के लिए टीम भेजनी है तो हमने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ समिति बनाएगा और 45 दिन के भीतर चुनाव कराएगा, निष्पक्ष चुनाव होंगे और नई आम सभा आएगी, उसमें जो आंतरिक शिकायत समिति है वह उसमें काम कर सकती है।''

खेल मंत्री ने पुलिस के पहवानाओं की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर कहा कि कोई भी व्यक्ति प्राथमिकी दर्ज करा सकता है लेकिन इसकी एक प्रक्रिया होती है जिसका पालन किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ बाहर कोई भी कभी भी किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है। अगर आठ साल पुराना मामला होगा तो प्राथमिकी आठ साल पहले भी हो सकती थी और आज भी हो सकती है लेकिन पुलिस भी शुरुआती जांच करती है। दिल्ली पुलिस ने भी कहा कि हम शुरुआती जांच करेंगे और उसमें जो भी निकलता है उसके आधार पर आगे कार्रवाई करेंगे।''

पहलवानों के व्यवहार से भारत की छवि हो रही खराब
इसके इतर प्रदर्शनकारी पहलवानों पर बरसते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है।  उषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा,‘‘पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है। इससे भारत की छवि खराब हो रही है।''

आईओए ने कुश्ती महासंघ के कामकाज के संचालन के लिये चुनाव होने तक एक तदर्थ समिति का गठन किया है जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश हैं जिनका नाम अभी तय नहीं हुआ है।

हार नहीं मानूंगा...
इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने गुरुवार को संकेत दिए कि वह खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। भाजपा के सांसद सिंह ने वीडियो संदेश में अपने ऊपर लगे आरोपों का जिक्र किए बिना संकेत दिया कि जब तक उनके पास लड़ने की ताकत है तब तक वह हार नहीं मानेंगे।

बृजभूषण शरण ने कहा,‘‘ मित्रों, जिस दिन मैं अपने जीवन की समीक्षा करूंगा कि क्या खोया क्या पाया, जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मेरे संघर्ष करने की क्षमता अब समाप्त हो गई है, जिस दिन मैं महसूस करूंगा मैं लाचार हूं, मैं बेचारा हूं, मैं ऐसी जिंदगी जीना पसंद नहीं करूंगा। मैं चाहूंगा कि ऐसी जिंदगी जीने के पहले मौत मेरे करीब आ जाए।''

बता दें कि बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित देश के चोटी के पहलवान रविवार से दिल्ली के जंतर मंतर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच करने वाले निगरानी पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। 


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Content Writer

Yaspal

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