ED की रडार पर अनिल अंबानी, पूछताछ जारी; जानिए क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 03:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 5 अगस्त 2025, मंगलवार को उद्योगपति अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया है। मामला एक बड़े बैंक लोन घोटाले से जुड़ा हुआ है। ED के मुताबिक, अनिल अंबानी की कंपनी ने बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का लोन लिया, लेकिन उस रकम का उपयोग लोन के तयशुदा उद्देश्य में न करते हुए उसे कई शेल कंपनियों के जरिए इधर-उधर घुमाया गया।
फर्जी दस्तावेज और बैंक गारंटी का इस्तेमाल
जांच में सामने आया है कि इस लोन घोटाले में कई फर्जी दस्तावेज और नकली बैंक गारंटी का भी इस्तेमाल किया गया। ED ने इस मामले में हाल ही में एक गिरफ्तारी की है। BTPL नाम की कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक, इस कंपनी को अनिल अंबानी की रिलायंस पावर से करीब 5.4 करोड़ रुपये दिए गए थे ताकि वह फर्जी बैंक गारंटी तैयार करवा सके।
SBI के नाम से बनाए गए फर्जी कागजात
मामला तब गंभीर हुआ जब पता चला कि रिलायंस पावर ने एक सरकारी टेंडर में हिस्सा लिया था, जिसमें बैंक गारंटी जरूरी थी। इसके लिए BTPL को हायर किया गया। लेकिन जांच में यह सामने आया कि जिस बैंक गारंटी को जमा किया गया था, वह नकली थी। इसमें SBI के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और नकली ईमेल्स के जरिए यह दिखाया गया कि बैंक गारंटी असली है।
ED की जांच जारी, अनिल अंबानी से जवाब तलब
अब ED यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में कौन-कौन लोग शामिल थे, रकम कहां से आई, कहां ट्रांसफर हुई और किन-किन कंपनियों और व्यक्तियों ने इसमें भूमिका निभाई। चूंकि लेन-देन और बैंक गारंटी का संबंध रिलायंस पावर से जुड़ा है, इसलिए ED ने अनिल अंबानी को व्यक्तिगत रूप से पूछताछ के लिए बुलाया है।
RCom पर भी चल रही 14,000 करोड़ के फ्रॉड की जांच
केवल यही नहीं, ED ने अनिल अंबानी की दूसरी कंपनियों से जुड़े पुराने मामलों को भी दोबारा खोल दिया है। रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (RCom) पर करीब 14,000 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड का आरोप है। ED ने इस केस से जुड़े 6 सीनियर अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए तलब किया है।
बैंकों से भी जवाबतलबी, CBI में शिकायत भेजने की तैयारी
ED ने इस केस में 39 बैंकों को नोटिस जारी किए हैं। पूछा गया है कि जब ये लोन NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) में बदल गए थे, तो सम्बंधित रेगुलेटरी अथॉरिटीज को जानकारी क्यों नहीं दी गई। इसके अलावा, कैनरा बैंक से 1050 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर अलग से मामला दर्ज है।
केंद्र सरकार की ओर से संसद में बताया गया है कि SBI ने RCom को फ्रॉड घोषित किया है और अब इस मामले में CBI को औपचारिक शिकायत भेजने की तैयारी चल रही है।