जानें, किस विटामिन की कमी से आता है गुस्सा?

punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 11:09 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप भी छोटी-छोटी बातों पर आपा खो बैठते हैं या बात-बात पर मूड अचानक बदल जाता है, तो जरूरी है कि आप सिर्फ अपने गुस्से को दोष न दें—क्योंकि इसके पीछे शरीर में छुपी एक पोषण संबंधी कमी भी हो सकती है। वैज्ञानिकों और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ खास विटामिन्स की कमी मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार पर गहरा असर डाल सकती है, जिनमें विटामिन B6, B12 और विटामिन D प्रमुख हैं।

गुस्से और चिड़चिड़ेपन से जुड़ा है विटामिन B का स्तर
विटामिन B ग्रुप, खासकर विटामिन B6 (पाइरीडॉक्सिन) और विटामिन B12, मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह न्यूरोट्रांसमीटर—जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन—हमें मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन देने में मदद करते हैं। जब शरीर में विटामिन B6 और B12 की कमी होती है, तो व्यक्ति ज्यादा चिड़चिड़ा, भावनात्मक रूप से अस्थिर और आक्रामक महसूस कर सकता है।

विटामिन B की कमी के अन्य लक्षणों में थकान, स्मृति कमजोर होना, अवसाद और घबराहट भी शामिल हैं। अगर आप लगातार इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो यह आपके शरीर में B-कॉम्प्लेक्स की कमी का संकेत हो सकता है।

विटामिन D की भूमिका भी कम नहीं

विटामिन D, जिसे हम 'सनशाइन विटामिन' भी कहते हैं, न केवल हड्डियों के लिए जरूरी है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अहम है। हाल के शोधों से पता चला है कि विटामिन D की कमी सीधे तौर पर मूड स्विंग, डिप्रेशन और गुस्से से जुड़ी हो सकती है। विटामिन D शरीर में डोपामिन और सेरोटोनिन के संतुलन को बनाए रखता है, जो मानसिक स्थिति को नियंत्रित करते हैं।

विटामिन D की कमी के कारण:

  • धूप में कम समय बिताना

  • खराब डाइट

  • त्वचा का रंग गहरा होना (जिससे शरीर कम विटामिन D बनाता है)

  • लिवर या किडनी संबंधी समस्याएं

गुस्से को कैसे करें नियंत्रित?

अगर आपके गुस्से का कारण पोषण की कमी है, तो उसे संतुलित आहार और लाइफस्टाइल में बदलाव के ज़रिए नियंत्रित किया जा सकता है:

  • विटामिन B6 और B12 के लिए खाएं: अंडे, मछली, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध और चिकन।

  • विटामिन D के लिए लें: रोज़ाना 15–20 मिनट धूप में रहना, साथ ही बादाम, संतरा, मशरूम और फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन।

  • अगर आप शाकाहारी हैं और इन स्रोतों से पर्याप्त विटामिन नहीं मिल पा रहा है, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लिया जा सकता है।

  


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Content Writer

Anu Malhotra

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