अबू धाबी में भारत के इस बुजुर्ग का पासपोर्ट देख एयरपोर्ट स्टाफ की फटी रह गईं आंखें, बोले-क्या ये सच है?
punjabkesari.in Wednesday, Aug 02, 2023 - 12:28 PM (IST)
दुबईः कोलकाता से लंदन जा रहे भारत के एक बुजुर्ग सज्जन की फ्लाइट जब विश्राम के लिए अबू धाबी में रुकी तो एयरपोर्ट पर उन्होंने बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। दरअसल अबू धाबी एयरपोर्ट पर स्टाफ ने जैसे ही उनका पासपोर्ट चैक किया को उनकी आंखें फटी रह गईं।
उन्होंने जो देखा उस पर उन्हें विश्वास नहीं हुआ और मुंह से निकला-क्या ये सच है ? उन्होंने पासपोर्ट की प्रामाणिकता की पुष्टि की और यह देखकर हैरान रह गए कि 1896 में पैदा हुआ एक व्यक्ति, जो पूरी आसानी से लंबी उड़ान भर सकता था, अपने से आधे उम्र के व्यक्ति की तरह चल रहा था। ये शख्स कोई और नहीं बल्कि 127 साल के योगाचार्य स्वामी शिवानंद थे ।
An elderly gentleman from India was heading from his hometown Kolkata to London with a layover in Abu Dhabi and attracted the attention of the airport staff in the United Arab Emirates…they couldn’t believe what they saw. They verified the authenticity of the passport and were… pic.twitter.com/4YznDb46ju
— Eagle Eye (@SortedEagle) August 1, 2023
स्वामी शिवानंद यह साबित कर दिखाया है कि उम्र महज एक संख्या होती है। एयरपोर्ट स्टाफ योगाचार्य शिवानंद की फुर्ती देखकर हैरान था । देखते ही देखते स्टाफ और लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने लग गए। उम्र के इस पड़ाव पर आज भी शिवानंद अपने सारे काम खुद ही करते हैं। बाबा शिवानंद को साल 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। पद्म पुरस्कार लेने पहुंचे शिवानंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे नतमस्तक हो गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी भी खड़े हुए शिवानंद के आगे झुक गए थे।
बता दें कि योग गुरु शिवानंद का जन्म 8 अगस्त, 1896 को देश के बंटवारे से पहले बांग्लादेश में हुआ था। बाबा शिवानंद पिछले कुछ दशकों से यूपी के वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित कबीर नगर में रह रहे हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, स्वामी शिवानंद हर प्रतिदिन सुबह 3 बजे उठकर योग करते हैं साथ ही भगवत गीता और मां चंडी के श्लोकों का पाठ करते हैं। बाबा शिवानंद को लेकर कहा जाता है कि वह लाइम लाइट से दूर रहना पसंद करते हैं।
बाबा शिवानंद शरीर में नमक की पूर्ति के लिए कभी-कभी सेंधा नमक का सेवन करते हैं। वे दिन में कभी नहीं सोते। रोजाना शाम को आठ बजे स्नान करते हैं और रात्रि भोजन में जौ से बना दलिया, आलू का चोखा और उबली सब्जियां लेते हैं। इसके बाद रात नौ बजे तक वे सो जाते हैं। यही वजह है कि बीमारियां उनसे दूर रहती हैं।