अमित शाह बोले- मणिपुर में शांति सर्वोच्चा प्राथमिकता, दंगा पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान

punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2023 - 06:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कुकी नागरिक संस्थाओं के नेताओं से बातचीत के लिये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में इस महीने की शुरुआत में हुई जातीय हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित चुराचांदपुर का मंगलवार को दौरा किया। आईबी प्रमुख और गृह सचिव के साथ हेलीकॉप्टर से उड़ान भरने वाले शाह चर्च के पदाधिकारियों के साथ-साथ कुकी समुदाय के बुद्धिजीवियों से भी मिल रहे हैं, ताकि उनकी शिकायतों को समझा जा सके और पूर्वोत्तर राज्य में शांति लाने के तरीके खोजे जा सकें। राज्य में हाल में मेइती और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं सामने आई हैं।

10 लाख रुपए का मुआवजा का ऐलान 
इससे पहले दिन में सरकार ने घोषणा की कि वह मणिपुर में जातीय संघर्ष के दौरान मरने वालों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। दंगे में मारे गए व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि मुआवजे की राशि केंद्र और राज्य सरकार बराबर-बराबर वहन करेंगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के बीच सोमवार रात को हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है।

कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई। अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। इस बैठक में यह सुनिश्चित करने का भी फैसला किया गया कि बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पेट्रोल, एलपीजी गैस, चावल और अन्य खाद्य सामग्री जैसी आवश्यक वस्तुएं अधिक मात्रा में उपलब्ध कराई जाएंगी। गृह मंत्री शाह सोमवार रात को विमान से इंफाल पहुंचे और उनके साथ गृह सचिव अजय कुमार भल्ला तथा खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका भी थे। शाह ने हिंसा प्रभावित राज्य में शांति लाने की अपनी पहल के तहत मंगलवार को महिला नेताओं के एक समूह के साथ नाश्ते पर बैठक में हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया।

राज्य में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
शाह ने ट्वीट किया, “मणिपुर में महिला नेताओं (मीरा पैबी) के एक समूह के साथ बैठक की। मणिपुर के समाज में महिलाओं की भूमिका के महत्व को दोहराया। हम सब मिलकर राज्य में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता के अनुसार, शाह ने आज सुबह इंफाल में विभिन्न नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। इस बीच, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को पुणे में एक समारोह से इतर कहा कि मणिपुर में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, लेकिन उम्मीद जताई कि पूर्वोत्तर की स्थिति पर ध्यान देते हुए कुछ समय में चीजें ठीक हो जाएंगी। राज्य अब उग्रवाद से जुड़ा नहीं है।

सेना ने बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई 
सीडीएस ने कहा, “हम समस्या को लेकर राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि सशस्त्र बलों और असम राइफल्स ने वहां बहुत अच्छा काम किया है और बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई जा सकी है। हालांकि मणिपुर में चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं, इसमें कुछ समय लगेगा। उम्मीद है कि यह सुलझेगा और वहां की सरकार सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) आदि की मदद से काम कर पाएगी।” मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च' के बाद मणिपुर में पहली बार जातीय हिंसा भड़क उठी।

अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च' का आयोजन किया था। आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का करीब 53 प्रतिशत है और समुदाय के अधिकतर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं। नगा और कुकी समुदायों की संख्या कुल आबादी का 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

 


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Content Editor

rajesh kumar

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