2022 तक अमित शाह ही बने रह सकते हैं भाजपा अध्यक्ष, नियमों में होगा बदलाव

punjabkesari.in Tuesday, Jun 11, 2019 - 05:25 PM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा चुनावों में भाजपा को जीत के शिखर पर पहुंचाने वाले अमित शाह गृहमंत्री के साथ‘-साथ भाजपा अध्यक्ष के पद पर भी बने रह  सकते हैं। हरियाणा, महाराष्ट्र,झारखंड और दिल्ली में इस वर्ष के अंत या 2020 की शुरू में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। ऐसे भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती क्योंकि अमित शाह का कोई विकल्प नहीं है। सूत्रों के हवाले से भाजपा के एक नेता ने बताया कि अमित शाह में वो क्षमता है कि वे अति व्यस्त गृह मंत्रालय के साथ 11 करोड़ सदस्यों वाली देश की सबसे बड़ी पार्टी को एक साथ चला सकते हैं। नया अध्यक्ष कौन होगा, राष्ट्रीय स्तर के एक कद्दावर पदाधिकारी ने कहा कि चर्चाएं जो भी हों, जहां तक मेरे पास सूचना है कि अध्यक्ष जी अभी पद पर बने रहेंगे, यह सब उन पर(अमित शाह) ही निर्भर है।

एक व्यक्ति.एक पद सिद्धांत का क्या होगा
भाजपा में एक व्यक्ति.एक पद सिद्धांत लागू होने की बात कही जाती है यानी कि संगठन में रहते सरकार में भूमिका नहीं निभा सकते, मगर पार्टी के सितंबर 2012 में संशोधन के बाद तैयार हुए नए संविधान में इसका कोई लिखित में जिक्र नहीं मिलता भाजपा की वेबसाइट पर मौजूद 46 पेज के संविधान में यूं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर स्थानीय पदाधिकारियों के चुनाव तक के नियम.कायदे दर्ज हैं।

मगर इसमें अध्यक्ष पद के लिए कहीं एक व्यक्ति.एक पद सिद्धांत की शर्तें नहीं दिखतीं बीजेपी की वेबसाइट पर मौजूद यह संविधान सितंबर 2012 में नए सिरे से तैयार हुआ था।  भाजपा की मई  2012 में मुंबई में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष को तीन-तीन साल का दो कार्यकाल देने का प्रस्ताव पास हुआ था, जिसे सितंबर 2012 में सूरजकुंड की बैठक में मंजूरी मिली थी।पहले सिर्फ तीन साल के एक कार्यकाल तक ही कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष रह सकता था, हालांकि 2014 में जब राजनाथ सिंह मोदी कैबिनेट में शामिल हुए तो उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। सूत्रों ने बताया कि यह केस टू केस मामला हो सकता है। जरूरी नहीं कि जो पहले होता आया हो वही इस बार अमित शाह के मामले में भी हो।

2022 तक अध्यक्ष रह सकते हैं शाह
मोदी कैबिनेट में शामिल होने पर राजनाथ सिंह के 2014 में अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद उनका बचा दो साल का कार्यकाल अमित शाह ने पूरा किया था, जिसके बाद 2016 में पहली बार वह तीन साल के पूर्ण कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुने गए। जनवरी 2019 में तीन साल का  कार्यकाल पूरा होने के बाद 11.12 जनवरी को हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शाह को आम चुनाव तक  सेवा विस्तार दिया गया। बीजेपी के मौजूदा संविधान के मुताबिक कोई व्यक्ति तीन-तीन साल के दो पूर्ण कार्यकाल तक अध्यक्ष  पद पर रह सकता है। ऐसे में अमित शाह बिना संविधान संशोधन हुए 2022 तक अध्यक्ष रह सकते हैं।

अमित शाह का नहीं कोई विकल्प
पार्टी के एक नेता कहते हैं कि भले ही बीजेपी काडर बेस पार्टी है, नेताओं की कमी नहीं हैं, मगर संगठन चलाने के मामले में अमित शाह का कोई विकल्प नहीं है। अमित शाह ने पार्टी की पूरी कार्यप्रणाली बदलकर रख दी। गांव के कार्यकर्ता के मूवमेंट पर भी नजर रखने का पार्टी के पास सिस्टम है। वे सचमुच पार्टी के लिए इलेक्शन विनिंग मशीन साबित हुए हैं। 


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shukdev

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