किसान आंदोलन के बीच PM मोदी ने तमिलनाडु के किसानों की इस बात के लिए की तारीफ

punjabkesari.in Sunday, Feb 14, 2021 - 08:13 PM (IST)

चेन्नईः तमिलनाडु में अप्रैल में संभावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सकारात्मक अभियान के लिए जमीन तैयार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को तमिल संस्कृति और जनता के लिए न्याय की वकालत करते हुए श्रीलंका के तमिल लोगों की आकांक्षाओं का समर्थन किया। अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता टीटीवी दिनाकरण तथा उनकी बुआ वीके शशिकला के बगावती तेवरों की पृष्ठभूमि में एकजुट होकर लड़ने का संकेत देते हुए मोदी ने मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम की ओर अपने साथ हाथ मिलाने का इशारा किया। तीनों ने मुस्कुराते हुए, तालियों की गड़गड़ाहट के बीच तुरंत हाथ मिलाए।

पूरी हो चुकी अवसंरचना परियोजनाओं तथा नई परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम के राजनीतिक मायने किसी से भी छिपे नहीं रहे। तमिल भाषा में लिखित प्राचीन काव्य रचना ‘तिरुक्कुल' समेत अन्य तमिल रचनाओं को उद्धृत करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘तमिलनाडु की संस्कृति को सहेजने और उसका प्रचार-प्रसार करने की दिशा में काम करना हमारे लिए सम्मान की बात है।''

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के अपने हाल के दौरे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और मोदी पर तमिल संस्कृति को कोई सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया था। अन्नाद्रमुक और भाजपा विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं। दूसरी ओर, शशिकला और दिनाकरण का खेमा पार्टी पर दावेदारी जता रहा है और फिर से खड़े होने के प्रयास कर रहा है। प्राचीन काल के तमिल कवि अव्वैयर की उक्तियों को उद्धृत करते हुए मोदी ने कहा कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्यों के लिए भी प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि ये लोकप्रिय पंक्तियां रेखांकित करती हैं कि जल एक मूल तत्व है जो राष्ट्र की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।

जल संरक्षण पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए काम करें क्योंकि यह राष्ट्रीय मुद्दा ही नहीं, बल्कि इसके वैश्विक प्रभाव भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मंत्र सदा याद रखें कि हर एक बूंद का परिणाम अधिक फसल के रूप में निकलता है, इससे भावी पी़ढ़ियों को लाभ मिलेगा।'' तमिलनाडु के कावेरी नदी घाटी क्षेत्र में 636 किलोमीटर लंबे ‘ग्रांड एनिकट कैनल सिस्टम' के आधुनिकीकरण के लिए आधारशिला रखते हुए उन्होंने कहा कि एनिकट ‘‘हमारे बीते यशस्वी समय का जीवंत साक्ष्य है।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन तथा जल संसाधनों के सदुपयोग के लिए तमिलनाडु के किसानों की प्रशंसा करता हूं।'' तमिल को विश्व की सबसे प्राचीन भाषा बताते हुए उन्होंने राष्ट्रवादी कवि महाकवि सुब्रमण्य भारती की प्रसिद्ध पंक्तियां बोलीं जो घरेलू उत्पादन से संबंधित हैं।

श्रीलंका के तमिल समुदाय का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा से ही इस समुदाय के कल्याण का ध्यान रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा सौभाग्य है कि जाफना जाने वाला मैं भारत का इकलौता प्रधानमंत्री हूं।'' श्रीलंका के तमिलभाषी लोगों के लिए केंद्र की अनेक विकास एवं कल्याण पहलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने श्रीलंका के समक्ष तमिलों के अधिकारों का मुद्दा भी उठाया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News