'अमेरिकी नीतियों ने बढ़ाया आतंकवाद, पाकिस्तान भुगत रहा है खामियाजा', बिलावल भुट्टो का बड़ा बयान
punjabkesari.in Tuesday, Jun 10, 2025 - 12:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अमेरिका की विदेश नीति को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ने के लिए अमेरिका की नीतियां जिम्मेदार हैं। अमेरिका पहुंचे बिलावल ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की जल्दबाजी में वापसी ने दक्षिण एशिया को अस्थिर कर दिया है और पाकिस्तान में आतंकवाद की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
बिलावल ने अमेरिकी नीति, विशेष रूप से ट्रंप प्रशासन द्वारा 2020 में किए गए दोहा समझौते और फिर 2021 में बाइडेन प्रशासन की वापसी प्रक्रिया को क्षेत्रीय अस्थिरता का मुख्य कारण बताया। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में अपने पीछे कई संवेदनशील हथियार छोड़ गई, जो अब आतंकवादी संगठनों के हाथ लग चुके हैं।
हथियार आतंकियों के हाथ, पाक पुलिस से ज्यादा एडवांस
भुट्टो ने कहा, "हमें तब हैरानी होती है , जब आतंकियों के पास ऐसे हथियार मिलते हैं जो अफगानिस्तान में छोड़े गए थे। ये हथियार हमारी पुलिस से कहीं ज्यादा एडवांस होते हैं।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए इन परिस्थितियों से निपटना मुश्किल हो रहा है और इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के पुराने रुख पर चुप्पी
हालांकि, बिलावल ने इस दौरान यह नहीं बताया कि किस तरह पहले पाकिस्तान ने खुद अफगानी मुजाहिद्दीन और आतंकी संगठनों को समर्थन दिया था। उन्होंने इस्लामी आतंकवाद के पीछे पाकिस्तान की भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिसे लेकर अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस्लामाबाद को घेरा जाता है।
अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
अभी तक अफगानिस्तान की ओर से भुट्टो के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अतीत में अफगान सरकार इस तरह की बयानबाजी को उकसाने वाली और द्विपक्षीय संबंधों में खटास लाने वाली बता चुकी है।
विवादास्पद रही अमेरिका की वापसी
गौरतलब है कि अमेरिका ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अपनी सेना की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी। इस दौरान अमेरिका ने लगभग 89 अरब डॉलर के हथियार और सैन्य उपकरण अफगानिस्तान की सेना के लिए छोड़े थे, जिनमें से बड़ी संख्या में हथियार तालिबान के हाथ लग गए। इसके बाद तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों ने इनका इस्तेमाल पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों के खिलाफ हमलों में किया।