राज्यसभा में पास होने पर तीन तलाक को मिलेगी सुप्रीम कोर्ट में चुनौति

punjabkesari.in Tuesday, Jan 02, 2018 - 07:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में तीन तलाक विरोधी बिल ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' अब बुधवार को पेश  किया जा सकता है। मंगलवार को यह बिल पेश नहीं किया गया। हालांकि यह विधेयक बिना किसी संशोधन के ही गुरुवार को लोकसभा में पास हो चुका है, अब बारी राज्यसभा की है। केंद्र सरकार राज्यसभा में पास कराने के लिए पूरी कोशिश में लगी हुई और विपक्षी दलों की सहमति बनाने के लिए बातचीत भी कर रही है। इन सब के बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मोदी सरकार के खिलाफ खुलेआम ​विरोध करना शुरू कर दिया है। बोर्ड का कहना है कि अगर ये बिल राज्यसभा से भी पास हो जाता है, तो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

मुस्लिम शरीयत के खिलाफ है विधेयक
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य एजाज अरशद कासमी ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन तलाक विरोधी कानून बनाने के लिए जो विधेयक लायी है वो मुस्लिम शरीयत के खिलाफ है। सरकार ने इस विधेयक को भले ही लोकसभा में पास करा लिया है, लेकिन हमें उम्मीद है कि राज्यसभा में पास नहीं हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी अगर राज्यसभा में भी पास कराने में सरकार सफल हो जाती है, तो हमारे पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला है।

सभी मुस्लिम संगठनों की एक राय
अरशद कासमी ने कहा कि राज्यसभा में पास होता है तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में इस विधेयक के खिलाफ जाएगी. उन्होंने कहा कि देश भर के मुस्लिम संगठनों पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हैं। सभी मुस्लिम संगठन इस बात पर राजी हैं कि अगर राज्यसभा में भी ये बिल बिना किसी संशोधन के पास हुआ तो सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को पूरा अधिकार है कि वो बिल लाए, लेकिन जिसके लिए विधेयक ला रही है। उनसे एक बार विचार विमर्श करना चाहिए था। सरकार इतना बड़ा विधेयक ला रही है, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से बात तक नहीं किया गया जो उचित नहीं है।

आईयूएमएल भी सुप्रीमकोर्ट जाने के पक्ष में
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ही नहीं सोमवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के एक नेता ने भी विधेयक के उन प्रावधानों को गलत बताया जो तीन तलाक को अपराध बनाता है। आईयूएमएल नेता ने इसके साथ ही कहा कि यदि राज्यसभा ने भी इसे पारित कर दिया तो मुस्लिम संस्थाएं इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। लोकसभा में आईयूएमएल नेता पी के कुंजलीकुट्टी ने आरोप लगाया कि गत सप्ताह लोकसभा द्वारा पारित विधेयक में कई खामियां और विरोधाभास हैं। उन्होंने कहा, 'हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। आईयूएमएल इसमें पक्षकार बनेगी।’ उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ‘किसी परिवार की समस्या को अपराध बनाना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।’


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News