Akhand Bharat: अखंड भारत बनाने की तैयारी... दुनिया के नक्शे में 15 देशों का नया स्वरूप, New World Order Map क्यों हो रहा है वायरल
punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2025 - 01:53 PM (IST)
नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पुराना नक्शा वायरल हो रहा है, जिसे "न्यू वर्ल्ड ऑर्डर मैप" कहा जा रहा है। यह नक्शा 1942 में प्रकाशित हुआ था और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की दुनिया के संभावित रूप को दर्शाता है। इस नक्शे में केवल 15 देश होते हैं, जो विभिन्न भू-राजनीतिक बदलावों को दर्शाते हैं। मौरिस गोम्बर्ग नामक एक व्यक्ति ने इसे पेंसिल्वेनिया के फिलाडेल्फिया शहर में प्रकाशित किया था। उस समय मौरिस ने दावा किया था कि यदि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया में बदलाव आते हैं, तो दुनिया में केवल 15 देश ही अस्तित्व में रहेंगे। इस नक्शे को सोशल मीडिया पर एक बार फिर से चर्चा में लाया गया है, क्योंकि हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों ने इस नक्शे के प्रसार को और बढ़ा दिया है।
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर मैप में किसका क्या स्थान है?
1. अमेरिका (USA):
मौरिस गोम्बर्ग के इस नक्शे में अमेरिका को एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में दिखाया गया है। वह दावा करते थे कि भविष्य में अमेरिका का विस्तार होगा और इसमें कनाडा के अलावा मध्य अमेरिका के कई देश जैसे ग्वाटेमाला, पनामा, निकारागुआ, अल सल्वाडोर, कोस्टा रिका, बेलीज, होंडुरास, डोमिनिकन गणराज्य, क्यूबा और कैरेबियाई देशों का भी समावेश होगा। इसके अतिरिक्त, ग्रीनलैंड और आइसलैंड जैसे अटलांटिक द्वीप भी अमेरिका के हिस्से बन जाएंगे। इसके अलावा, मेक्सिको को भी अमेरिका में शामिल किया गया है।
2. रूस (USSR):
मौरिस के नक्शे में रूस का प्रतिनिधित्व उस समय के सोवियत संघ (USSR) द्वारा किया गया है। उस समय के USSR में आज के रूस के अलावा ईरान, मंगोलिया, मंचूरिया, फिनलैंड और पूर्वी यूरोप के कई देश शामिल थे। इसके अलावा, जर्मनी और ऑस्ट्रिया के बड़े हिस्से को भी सोवियत संघ का हिस्सा माना गया है। मौरिस का मानना था कि सोवियत संघ वैश्विक शक्ति के रूप में उभरेगा और यूरोपीय देशों को अपने अधीन कर लेगा।
3. दक्षिण अमेरिका (USSA):
इस नक्शे में मौरिस ने दक्षिण अमेरिका के सभी देशों को मिलाकर एक नया देश "संयुक्त राज्य दक्षिण अमेरिका" (USSA) बनाने का प्रस्ताव दिया था। इसमें गुयाना, सूरीनाम, फ्रेंच गुयाना, और फॉकलैंड द्वीपों को भी शामिल किया गया है। यह दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा और शक्तिशाली संघ होगा।
4. अरब देशों का संघ (UAR):
नक्शे में अफ्रीकी देशों के साथ-साथ मध्य पूर्व के देशों को मिलाकर एक नया संघ "अफ्रीकी गणराज्य संघ" (UAR) का गठन किया गया है। इसके अलावा, सऊदी अरब, इराक, सीरिया जैसे देशों को मिलाकर "अरेबियन फेडरेटेड रिपब्लिक" (AFR) का भी गठन किया गया है, जिससे मिडल ईस्ट और अफ्रीका की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते थे।
5. अखंड भारत (Federation Republic of India):
इस नक्शे में भारत को एक बहुत ही शक्तिशाली और विस्तृत क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है, जिसमें आज के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार को भी शामिल किया गया है। यह एक 'फेडरेशन रिपब्लिक ऑफ इंडिया' के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस समय (1942) भारत अंग्रेजों के कब्जे में था और स्वतंत्र नहीं हुआ था। मौरिस ने भविष्य में भारत को एक मजबूत राजनीतिक और सैन्य शक्ति के रूप में देखा था, जिसमें दक्षिण एशिया के अधिकांश देश शामिल होंगे।
6. चीन (Unified Chinese Republic):
नक्शे में चीन को एक संयुक्त चीनी गणराज्य (Unified Chinese Republic) के रूप में दिखाया गया है। इस नक्शे के मुताबिक, चीन में दक्षिण और उत्तर कोरिया के साथ-साथ वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड और मलाया के बड़े हिस्से भी शामिल होंगे। इसका उद्देश्य चीन को एक विशाल और प्रभावशाली शक्ति के रूप में स्थापित करना था।
7. यूरोप (United States of Europe - USE):
यूरोप के देशों को मिलाकर "संयुक्त राज्य यूरोप" (USE) के गठन का प्रस्ताव था, जिसमें जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, पुर्तगाल, इटली, स्पेन और अन्य प्रमुख यूरोपीय देशों को एकजुट किया गया था। इस संघ का उद्देश्य यूरोप को एक शक्तिशाली और संगठित राजनीतिक इकाई के रूप में स्थापित करना था, जो वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
A 1942 Map of the New World Order
— Shadow of Ezra (@ShadowofEzra) January 8, 2025
The map shows Greenland, Mexico, and Canada as part of the United States of America.
Published in Philadelphia in early 1942, this "Outline of the Post-War New World Map" proposed a reorganization of the world following an Allied victory over… pic.twitter.com/6CPW5z46JS
New World Order Map के वायरल होने का कारण
यह नक्शा इन दिनों सोशल मीडिया पर इसलिए वायरल हो रहा है, क्योंकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी विस्तारवादी नीतियों को लेकर चर्चा में हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले ही कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की इच्छा व्यक्त की थी और ग्रीनलैंड को भी कब्जाना चाहा था। इन अटकलों के बीच लोग इस पुराने नक्शे को फिर से देख रहे हैं, जो भविष्य के भू-राजनीतिक बदलावों का संकेत देता है। ट्रंप की विस्तारवादी राजनीति और इस नक्शे के बीच एक प्रकार की समानता देखी जा रही है, जिसके कारण इस नक्शे को फिर से वायरल किया गया है।
यह नक्शा एक काल्पनिक भविष्य का चित्रण है, जो मौरिस गोम्बर्ग ने 1942 में प्रकाशित किया था। यह उस समय के वैश्विक राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को दर्शाता है, जिसमें बड़े बदलावों की उम्मीद जताई गई थी। हालांकि, इस नक्शे का कोई वास्तविक प्रभाव नहीं है, लेकिन यह वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों, विशेष रूप से ट्रंप की संभावित योजनाओं के संदर्भ में लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यह नक्शा एक भू-राजनीतिक भविष्यवाणी के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।