बेंगलुरु से दिल्ली की फ्लाइट में बड़ा हादसा टला: उड़ान से ठीक पहले कॉकपिट में बेहोश हुए Air India के पायलट
punjabkesari.in Sunday, Jul 06, 2025 - 09:08 AM (IST)

नेशनल डेस्क। एयर इंडिया की बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट AI 2414 एक बड़े हादसे का शिकार होने से उस वक्त बच गई जब उड़ान भरने से ठीक पहले पायलट कॉकपिट में ही बेहोश होकर गिर पड़े। यह घटना 4 जुलाई की सुबह की है और एयर इंडिया ने इसे "मेडिकल इमरजेंसी" करार दिया है।
एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया, "हमारे एक पायलट को 4 जुलाई की तड़के मेडिकल इमरजेंसी का सामना करना पड़ा। वह बेंगलुरु से दिल्ली के लिए निर्धारित फ्लाइट AI2414 को उड़ाने वाले थे। अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण वह फ्लाइट ऑपरेट नहीं कर सके और उन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया।"
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के मुताबिक पायलट विमान के कॉकपिट में थे और उड़ान से पहले ज़रूरी औपचारिकताएं पूरी कर रहे थे। वह टेक्निकल लॉग साइन करने ही वाले थे जो विमान को टेकओवर करने की अनिवार्य प्रक्रिया होती है। इसी दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और वे वहीं बेहोश होकर गिर पड़े।
पायलट की हालत स्थिर, निगरानी में
एयर इंडिया ने आगे जानकारी दी कि पायलट की स्थिति अब स्थिर है लेकिन वे अभी भी डॉक्टरों की निगरानी में हैं। उनके इलाज और देखभाल के लिए एयरलाइन की मेडिकल टीम उनके परिवार के संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
फ्लाइट में देरी, नया पायलट तैनात
इस घटना के चलते फ्लाइट AI2414 कुछ समय के लिए देरी से रवाना हुई। एयर इंडिया ने कहा कि "विमान को फिर से एक अन्य पायलट द्वारा उड़ाया गया और फ्लाइट को सुरक्षित रूप से ऑपरेट किया गया।" हालाँकि इस कारण यात्रियों को कुछ समय इंतज़ार करना पड़ा लेकिन उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एयरलाइन ने यह त्वरित निर्णय लिया।
क्रू मेंबर्स और यात्रियों की तत्परता
सूत्रों का यह भी कहना है कि जिस तरह से अन्य क्रू मेंबर्स और एयरपोर्ट पर मौजूद मेडिकल स्टाफ ने स्थिति को संभाला वह सराहनीय है। पायलट को तुरंत प्राथमिक इलाज दिया गया और एंबुलेंस से अस्पताल पहुँचाया गया।
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क्या कहती है DGCA की गाइडलाइन?
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी फ्लाइट के उड़ान भरने से पहले पायलट का स्वास्थ्य पूरी तरह फिट होना अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक अस्वस्थता की स्थिति में पायलट को उड़ान से हटाया जाना ज़रूरी होता है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह घटना विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल के महत्व को एक बार फिर रेखांकित करती है।