Air India Flight: विमान के कॉकपिट में जाने के क्या हैं नियम, बिना इजाजत घुसने पर कितनी मिलती है सजा?
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 06:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क : एयर इंडिया की बेंगलुरु से वाराणसी जा रही एक फ्लाइट में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक यात्री ने उड़ान के दौरान कॉकपिट का दरवाजा खोलने की कोशिश की। हैरानी की बात यह है कि यात्री ने सही पासवर्ड भी डाला, लेकिन कप्तान ने हाईजैकिंग की आशंका के चलते दरवाजा नहीं खोला। फ्लाइट के वाराणसी में लैंड करने के बाद इस यात्री सहित आठ अन्य लोगों को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के हवाले कर दिया गया। इस घटना ने विमानन सुरक्षा को लेकर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है कि कॉकपिट में किसे प्रवेश की अनुमति है और बिना इजाजत घुसने की कोशिश के क्या परिणाम हो सकते हैं।
कॉकपिट में प्रवेश के सख्त नियम
विमानन नियमों के अनुसार, कॉकपिट में केवल ऑपरेटिंग क्रू को ही प्रवेश की अनुमति होती है। इसमें पायलट, को-पायलट और ड्यूटी पर तैनात फ्लाइट अटेंडेंट शामिल होते हैं। यदि कोई अन्य व्यक्ति, जैसे ट्रेनी या इंस्पेक्टर, कॉकपिट में जाना चाहता है, तो उसे उड़ान से पहले डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से लिखित अनुमति लेनी पड़ती है।
कॉकपिट का दरवाजा उड़ान के दौरान हमेशा बंद रहता है, और इसमें प्रवेश केवल एक सुरक्षित पासवर्ड के जरिए ही संभव है, जो केवल क्रू मेंबर्स को पता होता है। सामान्य यात्रियों को कॉकपिट में प्रवेश की कोई अनुमति नहीं होती।
बिना अनुमति माना जाता है गंभीर सुरक्षा उल्लंघन
बिना अनुमति कॉकपिट में प्रवेश की कोशिश को गंभीर सुरक्षा उल्लंघन माना जाता है, क्योंकि यह पूरी उड़ान की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। ऐसे मामलों में दोषी व्यक्ति पर आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है, जिसमें लंबी जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही, ऐसी घटना के बाद उड़ान को तुरंत रोक दिया जाता है, और दोबारा उड़ान से पहले विमान की गहन जांच की जाती है।
यदि कोई पायलट बिना अनुमति किसी व्यक्ति को कॉकपिट में प्रवेश देने का दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। इसमें पायलट का लाइसेंस सस्पेंड या रद्द करने जैसे कदम शामिल हो सकते हैं।
घटना की जांच शुरू
इस घटना के बाद एयर इंडिया और DGCA ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यात्री को कॉकपिट का पासवर्ड कैसे मिला और उसका मकसद क्या था। CISF ने संदिग्ध यात्री और अन्य आठ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। इस घटना ने विमानन सुरक्षा के कड़े प्रोटोकॉल की अहमियत को एक बार फिर रेखांकित किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं विमानन उद्योग में सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की जरूरत को दर्शाती हैं। यात्रियों से भी अपील की जा रही है कि वे विमान में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि से बचें, ताकि उड़ान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।