वायुसेना प्रमुख की दो टूक- दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत तैयार

punjabkesari.in Monday, Nov 12, 2018 - 01:22 AM (IST)

नेशनल डेस्क: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने रविवार को कहा कि भारतीय वायुसेना हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उभरते संभावित खतरों के प्रति बहुत सजग है। उन्होंने कहा कि उनका बल भारत के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। भारत के पड़ोस में नये हथियारों..उपकरणों को शामिल किए जाने और आधुनिकीकरण की रफ्तार चिंता का कारण है।
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वायुसेना ने बढ़ाई अपनी ताकत 
धनोआ ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत ‘अनसुलझे क्षेत्रीय विवादों’ और ‘प्रायोजित’ राज्येतर तथा विदेशी तत्वों से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है लेकिन वायुसेना इनका प्रभावी तरीके से सामना करने में सक्षम है और इस दिशा में आगे बढ़ रही है। एयर चीफ मार्शल ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिये बिना भारत की वर्तमान सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में कहा कि वर्तमान चुनौतियां अनसुलझे क्षेत्रीय मुद्दों, प्रायोजित राज्येतर एवं विदेशी तत्वों से पैदा होती हैं जो राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम करती हैं। 

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पड़ोस को लेकर चिंताएं 
धनोआ ने चीन द्वारा अपनी वायुसेना का तेजी से आधुनिकीकरण करने तथा भारत की सीमा से सटे तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में बीजिंग द्वारा कराए जा रहे आधारभूत ढांचागत विकास का भी परोक्ष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस में आधुनिकीकरण की रफ्तार और नये हथियारों, उपकरणों को शामिल किया जाना चिंता का कारण है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पास विश्व में सी-17 का दूसरा सबसे बड़ा बेड़ा है। इसलिए, भारत मानव संकट और मानवीय राहत (अभियानों) के समय अपने मित्र देशों की मदद के लिए अपने संसाधनों का इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा, वायुसेना हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में पैदा संभावित खतरों को लेकर बहुत सजग है। 

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वायुसेना जल्द नए विमानों को करेगी शामिल 
वायुसेना की महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण योजना पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि लड़ाकू विमानों की संख्या बढाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। इसे हासिल करने के लिए वायुसेना नये (विमानों को) शामिल करने तथा (वर्तमान विमानों को) उन्नत करने पर गौर कर रही है। इसके लिए मिग29, जैगुआर और मिराज 2000 विमानों को चरणबद्ध तरीके से उन्नत किया जा रहा है ताकि वे समकालीन क्षमताओं के लिए सक्षम बनें। उन्होंने हल्के लड़ाकू विमान तेजस और 36 राफेल विमानों को बेड़े में शामिल करने की योजना का भी जिक्र किया। वायुसेना 114 लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुकी है।     


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vasudha

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