83 तेजस जेट का सौदा रद्द कर सकती है वायुसेना, HAL के खिलाफ रक्षा मंत्रालय को लिखा खत

punjabkesari.in Tuesday, Jan 29, 2019 - 03:30 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को खत लिखकर सरकारी क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के प्रपोजल की खामियां गिनाई हैं। दरअसल एचएएल में हल्के लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण में हो रही देरी के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय को खत लिखा है। वायुसेना ने खत में लिखा कि एचएएल ने 83 विमानों की आपूर्ति के प्रस्ताव को लेकर निविदा शर्तें पूरी नहीं की हैं। वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को बताया कि एचएएल के रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में तीन बड़ी खामियां हैं जिसके खिलाफ मंत्रालय को कड़े कदम उठाने चाहिए। रक्षा मंत्रालय एक प्रवक्ता के मुताबिक सीधे पर वायुसेना ने यह सौदा रद्द करने की सिफारिश की है।

उल्लेखनीय है कि वायुसेना ने अपने पुराने पड़ चुके मिग-21 और मिग-27 विमानों के बेड़े को बदलने के लिए 40 एलसीए जेट विमानों की खरीद का ऑर्डर दिया था और साथ ही 83 मार्क 1ए एलसीए के लिए एचएएल को दिसंबर 2017 में टेंडर (सिंगल वेंडर टेंडर) जारी किया था। 2018 में एचएएल ने आरएफपी के तहत तकनीकी और आर्थिक मसविदा वायुसेना को सौंपा। खबर के मुताबिक कंपनी ने इन विमानों की जो कीमत बताई थी वो आज की तारीख में महंगी पड़ रही है। वायु सेना ने मंत्रालय को बताया कि एचएएल ने 12 महीने की वैधता के आधार पर कीमत का प्रस्ताव दिया है जबकि नियम के मुताबिक यह 18 महीने का होता है।

वहीं लड़ाकू विमानों में जिस तकनीक की जरूरत है, कंपनी ने उस पर कोई चर्चा नहीं की है। इतना ही नहीं विमान की उड़ान लायक स्थिति में आपूर्ति की समय अवधि भी काफी लंबी है। वायुसेना के अधिकारियों के मुताबिक तेजस विमान कार्यक्रम में एक साल से ज्यादा देरी हो चुकी है। रक्षा खरीद परिषद ने नवंबर 2016 में ही 50 हजार करोड़ रुपए के सौदे पर मुहर लगाई थी, लेकिन इतने समय तक भी कंपनी के साथ विमानों की आपर्ति को लेकर बात नहीं बनी है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Recommended News

Related News