24 साल के लड़के ने ₹1000 करोड़ का ऑफर ठुकराया... मार्क जुकरबर्ग को मिन्नतें करने पर कर दिया मजबूर, अब दी 2200 करोड़ सैलरी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 01:29 PM (IST)

नई दिल्ली: AI की दुनिया में एक बड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां युवा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्चर मैट डाइटके ने मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का करोड़ों रुपये का ऑफर ठुकरा दिया। शुरुआत में 1000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव ठुकराने के बाद, जुकरबर्ग ने डाइटके को और भी बड़ा ऑफर दिया, जो करीब 2200 करोड़ रुपये का था। मैट डाइटके ने AI चैटबॉट 'मोलमो' के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसकी वजह से उन्हें तकनीक की दुनिया में खास पहचान मिली है।

कौन हैं मैट डिटके, जिसने मेटा का 1000 करोड़ रुपये का ऑफर ठुकराया?
24 वर्षीय मैट डिटके AI की दुनिया में एक उभरते हुए सितारे की तरह उभरे हैं। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी शुरू करने के बाद उन्होंने बीच में ही इसे छोड़कर सिएटल स्थित एलन इंस्टीट्यूट फॉर AI में अपना करियर बनाया। वहीं उन्होंने AI चैटबॉट ‘मोलमो’ के विकास में अहम भूमिका निभाई। उनकी शोध पत्र को NeurIPS 2022 में "आउटस्टैंडिंग पेपर अवार्ड" से नवाजा गया, जो AI समुदाय में अत्यंत प्रतिष्ठित माना जाता है।

जुकरबर्ग की नई रणनीति और बढ़ती प्रतिस्पर्धा
मेटा ने AI क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए 2024 में डिटके को अपने सुपरइंटेलिजेंस लैब में शामिल होने का ऑफर दिया। शुरू में डिटके ने इस ऑफर को सीधे स्वीकार नहीं किया और दोस्तों से सलाह लेने की बात कही। बाद में मार्क जुकरबर्ग ने व्यक्तिगत रूप से उनसे मुलाकात की और ऑफर को और बढ़ाकर करीब 2200 करोड़ रुपये (250 मिलियन डॉलर) तक पहुंचा दिया, जिसे डिटके ने अंततः स्वीकार कर लिया।

मैट डिटके का अपना स्टार्टअप
मैट डिटके ने नवंबर 2023 में अपने AI आधारित स्टार्टअप "वर्सेप्ट" की स्थापना की है, जिसमें दस कर्मचारी काम करते हैं। इस स्टार्टअप के निवेशकों में पूर्व गूगल सीईओ एरिक श्मिट भी शामिल हैं। उनकी तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार की क्षमता ने शीर्ष टेक कंपनियों को उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए प्रेरित किया।

AI क्षेत्र में यह पैकेज क्यों है खास?
इस भारी रकम के पैकेज को AI उद्योग में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण और आकर्षक सैलरी पैकेज माना जा रहा है। यह न केवल मैट डिटके के कौशल और प्रतिष्ठा का संकेत है, बल्कि मेटा की इस क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ती महत्वाकांक्षा को भी दर्शाता है। मार्क जुकरबर्ग के इस कदम से AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और भी तीव्र होने की संभावना है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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