अहमदाबाद हादसा: क्रैश की जांच में मिली बड़ी कामयाबी, मिला दूसरा ब्लैक बॉक्स, अब सामने आएगा हादसे का पूरा सच
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 12:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क। 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक और महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. जांच एजेंसियों ने हादसे के मलबे से विमान का दूसरा ब्लैक बॉक्स भी बरामद कर लिया है. पहले ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर - FDR) की बरामदगी के बाद अब इस नए विकास से 274 मौतों के इस रहस्यमय हादसे के कारणों का पता लगाने में और तेज़ी आने की उम्मीद है.
टेकऑफ के 5 मिनट के भीतर हुआ हादसा, 274 की मौत
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 जो एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के महज 5 मिनट बाद ही मेघानीनगर के रिहायशी इलाके में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर से दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस भयावह हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की दुखद मौत हो गई जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे. चमत्कारिक रूप से केवल एक यात्री रमेश विश्वास कुमार ही जीवित बचे. इस हादसे में ज़मीन पर मौजूद कई लोग भी हताहत हुए जिससे कुल मृतक संख्या 274 तक पहुँच गई.
दूसरा ब्लैक बॉक्स (CVR) मिलने से जांच को मिलेगी रफ्तार
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की टीमें इस त्रासदी की गहन जांच में जुटी हुई हैं. पहले ब्लैक बॉक्स जो फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) था को हादसे के 28 घंटे के भीतर बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से बरामद किया गया था. अब दूसरा ब्लैक बॉक्स जो कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) है भी मलबे से मिल गया है.
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इन दोनों उपकरणों के डेटा से हादसे से पहले के अंतिम क्षणों की सेकंड-बाय-सेकंड जानकारी मिलेगी. इससे यह पता चल सकेगा कि हादसा तकनीकी खराबी, मानवीय गलती (जैसे कि लैंडिंग गियर की जगह विंग फ्लैप्स खींचना), मौसम की स्थिति या किसी अन्य कारण से हुआ.
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सरकार का रुख
हादसे की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और ब्रिटेन का एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी भारत की जांच में सहयोग कर रहे हैं. बोइंग कंपनी जिसने दुर्घटनाग्रस्त विमान बनाया था ने भी अपनी तकनीकी टीम को जांच में सहायता के लिए भेजा है. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, दूसरे ब्लैक बॉक्स की बरामदगी जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है. हम पूरी पारदर्शिता के साथ हादसे के कारणों का पता लगाएंगे.
साजिश का एंगल और बोइंग पर फिर उठे सवाल
हादसे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिनमें तकनीकी खराबी, साइबर हमले या किसी साजिश की आशंका भी शामिल है. हालांकि जांच एजेंसियों ने अभी तक साजिश या विस्फोट के कोई ठोस सबूत नहीं मिलने की बात कही है. गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने भी समानांतर जांच शुरू की है और मलबे से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) सहित अन्य सबूत जुटाए हैं.
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला बड़ा हादसा है जिसने कंपनी की सुरक्षा मानकों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं. पहले भी बोइंग के व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपुर ने 787 के निर्माण में खामियों की चेतावनी दी थी. DGCA ने एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा जांच बढ़ाने का आदेश दिया है.
राहत कार्य, मुआवज़ा और जांच की अगली कड़ी
हादसे के बाद गुजरात सरकार ने तुरंत आपदा प्रबंधन इकाइयों को सक्रिय किया. विमान में सवा लाख लीटर ईंधन होने के कारण आग इतनी भीषण थी कि बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आईं. सभी शवों को निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है और मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग का काम तेज़ी से चल रहा है. टाटा ग्रुप ने मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
दोनों ब्लैक बॉक्स अब विशेष फोरेंसिक लैब में भेजे जाएंगे जहाँ उनके डेटा को डिकोड किया जाएगा. विशेषज्ञों के अनुसार अगर ब्लैक बॉक्स को ज़्यादा नुकसान नहीं पहुँचा है तो 10-15 दिनों में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ सकती है. यह रिपोर्ट हादसे के कारणों जैसे इंजन फेल्योर, फ्लैप्स की गलत सेटिंग या अन्य तकनीकी गड़बड़ियों का खुलासा कर सकती है.