अमरीका-यूरोप के बाद अब भारत में भी बढ़ रहा इस चैलेंज का खतरा

punjabkesari.in Sunday, Aug 26, 2018 - 12:30 PM (IST)

नई दिल्ली: यूपी पुलिस ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘मोमो खाने की चीज है खेलने की नहीं।’ इसके पहले मुंबई पुलिस ने ट्विटर पर लिखा था, ‘मोमो को नो-नो कहें।’ आपके जेहन में सवाल होगा कि मोमो का आखिर मसला क्या है? ‘मोमो चैलेंज’ मौत का नया खेल है। इसे आप ‘ब्ल्यू ह्वेल’ का नया रूप मान सकते हैं। अमरीका, जर्मनी, फ्रांस के बाद अब भारत में भी लोगों को खौफजदा कर रहा है। 31 जुलाई को राजस्थान के अजमेर में दसवीं की एक छात्रा की खुदकुशी के बाद ‘मोमो चैलेंज’ की काफी चर्चा हो रही है। छात्रा की खुदकुशी को ‘मोमो चैलेंज’ से जोड़कर देखा गया।

अजमेर की पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था, ‘मीडिया में चल रहा है कि वह बच्ची मोमो गेम खेलती थी। हम इसी बिंदु पर पड़ताल कर रहे हैं।’ वहीं पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की रहने वाली एक छात्रा ने पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा कि एक अनजान फोन नंबर के जरिए उसे मोमो चैलेंज के लिए उकसाया जा रहा है। मौत का यह खेल सोशल नेटवर्किंग साइट व्हाट्सएप के जरिए हो रहा है। मोमो चैलेंज देने वाला व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से मैसेज भेजता है, फिर मेलजोल बढ़ाता है। आपने अगर मैसेज भेजने वाले का नाम जानना चाहा तो जवाब मिलेगा-मोमो। मोमो नाम के साथ उसकी भयानक दिखने वाली एक तस्वीर होती है। यह परिंदे की तरह दिखने वाली महिला की तस्वीर है, जिसकी दोनों आंखें बड़ी-बड़ी और एकदम गोल हैं। होठों पर डरावनी मुस्कान फैली है। उसकी दोस्ती कबूल नहीं करने पर निजी जानकारियां उजागर करने और कड़ी सजा देने की धमकी दी जाती है। इन्हीं धमकियों में अक्सर बच्चे इसकी दोस्ती

कबूल कर लेते हैं। एक बार दोस्ती कबूल कर लेने पर खतरनाक टास्क की शुरुआत हो जाती है, जिसका अंजाम खुदकुशी तक पहुंचा सकता है। बताते हंै कि मोमो की प्रोफाइल सबसे पहले फेसबुक पर देखी गई थी। मोमो की प्रोफाइल तस्वीर दरअसल जापान की डरावनी गुडिय़ा की है। जापान के मिदोरी हायाशी को डरावनी गुडिय़ा बनाने के लिए जाना जाता है। 2016 में टोक्यो की एक भुतिया प्रदर्शनी में उनकी कृतियां प्रदर्शित की गई थी। उन्हीं में से एक डरावनी गुडिय़ा का नाम मोमो था।


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Seema Sharma

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