..अब पाक चाहता हैं भारत के साथ शांति वार्ता, पर फिर से अलापा कश्मीर राग

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 12:09 PM (IST)

लाहौरः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई और पीएमएल- एन प्रमुख शहबाज शरीफ ने भारत से पाकिस्तान को भी शांति वार्ता करने के लिए कहा। उनका कहना है कि जिस तरह अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच सिंगापुर शिखर वार्ता फल रही है शायद भारत और पाक को इस से सबक लने की जरूरत है। उन्होंने फिर से कश्मीर राग अलापते कहा कि कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता फिर से शुरू होनी चाहिए ताकि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार हल किया जा सके।
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अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच दशकों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद कल ऐतिहासिक घटनाक्रम के तहत दोनों देशों के नेता सिंगापुर में शिखर वार्ता के लिए मिले जहां उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने अमेरिका की ओर से सुरक्षा गारंटी के बदले ‘‘ पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण ’’ की दिशा में काम करने का वादा किया। 

शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर कहा  कि कोरियाई युद्ध के शुरू होने के बाद से दोनों देश एक - दूसरे की राह में रोड़े अटकाते रहे हैं। दोनों एक - दूसरे के खिलाफ अपने परमाणु शस्त्रागारों के साथ सैन्य बल के इस्तेमाल की धमकी देते रहे हैं।  उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका और उत्तर कोरिया परमाणु विषय पर विवाद के मुहाने से लौट सकते हैं तो इसकी कोई वजह नहीं है कि पाकिस्तान और भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकते।  इसकी शुरुआत कश्मीर पर बातचीत से हो जहां के बहादुर लोग भारत के कब्जे का विरोध करते रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि यह समय हमारे क्षेत्र में व्यापक शांति वार्ता का है। पाकिस्तान के कई राजनीतिज्ञों का मानना है कि नवाज शरीफ को पद से हटाने के पीछे भारत के साथ संबंधों को सामान्य करने के उनके प्रयास भी एक वजह थे । अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शहबाज ने यह भी कहा कि भारत चिर प्रतिदव्धी देशों के बीच पहले के तनावों को पीछे छोड़ दें और नए सिरे से बातचीत शुरू करें। उन्होंने कहा  कि अमेरिका और उत्तर कोरिया की वार्ता पाकिस्तान और भारत के लिए आदर्श होनी चाहिए।

अगर वे एक - दूसरे के खिलाफ हमले करने की अपनी पहले की शत्रुतापूर्ण स्थिति से पीछे हट सकते हैं तो पाकिस्तान और भारत भी समग्र संवाद बहाल कर सकते हैं। पीएमएल - एन प्रमुख ने कहा कि 25 जुलाई को होने वाले चुनावों में अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह अफगानिस्तान पर फोकस करने के साथ क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देंगे।  उन्होंने ईद - उल - फितर के दौरान अफगानिस्तान में संघर्ष विराम के लिए अफगान सरकार और अफगान तालिबान के प्रयासों का स्वागत किया।        
     


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Isha

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