लाखों की नौकरी ठुकराकर अब एक घंटे के कमा रहा 86,000 रुपए, जानें शख्स के एक दिन की कमाई
punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 09:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क : क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान जो वॉल स्ट्रीट जैसी जगह पर बैठकर लाखों डॉलर की डील करता हो, वह सब कुछ छोड़कर एक ऑनलाइन ट्यूटर बन जाए- और वह भी इतना सफल कि हर घंटे 86,000 रुपये से ज्यादा कमाए? स्टीवन मैनकिंग (Steven Menking) ने कुछ ऐसा ही किया, और उनकी कहानी आज हजारों प्रोफेशनल्स के लिए प्रेरणा बन गई है।
जब वॉल स्ट्रीट का ग्लैमर थका देने लगा
2014 तक स्टीवन न्यूयॉर्क की वॉल स्ट्रीट पर एक सफल इक्विटी ट्रेडर थे, जहां 6-फिगर सैलरी, हाई-प्रोफाइल लाइफस्टाइल और चमक-दमक सबकुछ था। लेकिन समय के साथ उन्हें अहसास हुआ कि ये जीवन उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से थका रहा है। स्टीवन कहते हैं, 'हर दिन एक जैसा लगने लगा था। पैसे थे, लेकिन सुकून नहीं था।'
ट्यूटरिंग बनी 'ब्रिज', फिर बदल गई मुकाम में
नौकरी छोड़ने के बाद स्टीवन ने सोचा कि जब तक अगला करियर विकल्प तय नहीं होता, तब तक ट्यूटरिंग एक ‘ब्रिज’ यानी अस्थायी विकल्प हो सकती है। शुरुआत उन्होंने $50 से $100 प्रति घंटे की दर से की। लेकिन उन्होंने अपने अनुभव, स्मार्ट नेटवर्किंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे Wyzant और NYC की ट्यूटरिंग एजेंसियों का सहारा लेकर धीरे-धीरे अपने रेट बढ़ाए। आज वह हर हफ्ते 20–25 घंटे पढ़ाते हैं, और $1,000 (₹86,800) प्रति घंटे की कमाई करते हैं। वे न केवल छात्रों को, बल्कि यंग प्रोफेशनल्स को करियर गाइडेंस, डेसिजन मेकिंग और स्ट्रैटेजिक थिंकिंग भी सिखाते हैं।
टाइटल से ज्यादा मायने रखता है जुनून
CNBC Make It से बातचीत में स्टीवन ने बताया कि इस बदलाव का सबसे बड़ा संघर्ष आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक था। “मैं सोचता था कि अगर मैं फाइनेंस में हूं, तो अगला कदम भी फाइनेंस में ही होना चाहिए। लेकिन असली बदलाव तो सोच से शुरू होता है।” स्टीवन ने समाज, परिवार और दोस्तों की अपेक्षाओं को पीछे छोड़कर अपने पैशन को चुना। उनका मानना है कि जब हम “लोग क्या कहेंगे” से बाहर निकलते हैं, तभी असली आज़ादी मिलती है।
पैसा, पहचान और पैशन- जब तीनों मिलते हैं
स्टीवन की कहानी इस बात का प्रमाण है कि एक सफल करियर का मतलब सिर्फ ऊंची सैलरी या प्रतिष्ठित टाइटल नहीं है। सच्ची संतुष्टि वहां मिलती है, जहां आपकी कमाई, आपकी पहचान और आपके अंदर का जुनून एक साथ जुड़ते हैं। 'करियर वो होना चाहिए जो आपको जिंदा महसूस कराए- न कि सिर्फ दूसरों को इंप्रेस करे।'
क्यों है ये कहानी खास?
आज जब कई लोग नौकरी में बोरियत, असंतोष या उलझन महसूस करते हैं, स्टीवन मैनकिंग की कहानी एक नई सोच, नई शुरुआत और नई ऊंचाइयों की मिसाल पेश करती है। कभी-कभी करियर बदलना हार नहीं, सबसे बड़ी जीत होती है। अगर आप भी बदलाव के मोड़ पर खड़े हैं, तो शायद यही वो संकेत है जिसकी आपको जरूरत थी।