राबड़ी देवी के बाद लालू ने समझाया ''संस्कारी बहू'' का मतलब

punjabkesari.in Tuesday, Jun 13, 2017 - 08:41 AM (IST)

पटनाः बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की धर्मपत्नी राबड़ी देवी ने अपने पति के 70वें जन्मदिन पर कहा था कि उन्हें अपने बेटों के लिए 'संस्कारी बहू' चाहिए, जैसी वह खुद हैं। वहीं राबड़ी को उस बायन पर घिरते देख लालू अब आगे आए और उन्होंने  'संस्कारी बहू' की परिभाषा समझाई।

लालू ने दी सफाई
लालू ने सफाई देते हुए कहा कि राबड़ी के बयान को गलत तरीके से तोड़-मरोड़ पेश किया गया। उन्होंने ये नहीं कहा कि मॉल जाने वाली लड़कियां संस्कारी नहीं होतीं। लालू ने अपने शब्दों में बताया कि राबड़ी के संस्कारी बहू का मतलब मजबूत इच्छाशक्ति, सरल स्वभाव, परिवार की देखभाल और घर के काम को अच्छे से संभालने वाली से था। बता दें कि राबड़ी के 'संस्कारी बहू' पर दिए बयान पर लोगों ने जनकर क्लास ली। सवाल उठने लगा कि क्या राबड़ी देवी की नजर में मॉल जाने वाली लड़कियां संस्कारी नहीं होती हैं?

राबड़ी ने भी दी सफाई
खुद राबड़ी देवी ने अपने बयान पर सफाई में कहा कि संस्कारी बहू को लेकर उनके बयान को गलत पेश किया गया है। मैंने ये नहीं कि मुझे मॉल या सिनेमा जाना वाली बहू नहीं चाहिए। सिनेमा वाली बहू से मेरा तात्यर्य फिल्मी कलाकारों से था, न कि वे लड़कियां जो 'मॉल-सिनेमा' देखने जाती हैं। न तो मैं फिल्मों में काम करने वाली स्वावलंबी और आत्मनिर्भर फिल्मी अदाकारों को कमतर आंकती हूं और न ही स्त्रियों के स्वतंत्रता और स्वेच्छा से घूमने-फिरने या जीवनयापन के विरुद्ध हूं। मॉल का तो कहीं कोई जिक्र ही नहीं था।

राबड़ी ने आगे सफाई में कहा, 'मेरा तात्पर्य बस इतना था कि मेरा एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक परिवार है इसलिए मेरे विचार से वह बहू बेहतर होगी जो हमारे सामाजिक परिवेश, परिदृश्य, राजनीति और गरीबों की हमारे परिवार से जो अपेक्षाएं और परिवार की जिम्मेवारियां है उन्हें वह भली भांति समझ पाए'। तेजस्वी यादव ने भी अपनी मां का पक्ष लेते हुए कहा कि  मां ने कभी ये नहीं कहा कि मॉल जाने वाली लड़कियां संस्कारी नहीं होती हैं, बस उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।

 


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