सिंधु जल समझौते को रोकना क्यों ज़रूरी था? जनता को समझाएंगे भाजपा सरकार के मंत्री
punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 05:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले के बाद अब इसे लेकर जनता के बीच व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है। सरकार चाहती है कि लोग समझें कि यह फैसला केवल रणनीतिक नहीं, बल्कि जनहित में उठाया गया एक अहम कदम है। इसके लिए वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है जो सीधे जनता से संवाद कर उन्हें इसका लाभ समझाएंगे।
कौन-कौन से मंत्री होंगे शामिल?
इस अभियान में केंद्र के प्रमुख मंत्री शामिल होंगे, जिनमें: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव जैसे नेता प्रमुख भूमिका निभाएंगे। ये मंत्री उन राज्यों का दौरा करेंगे जहां सिंधु जल परियोजना से लोगों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है।
किन राज्यों में चलेगा जनसंपर्क अभियान?
सरकार का फोकस मुख्य रूप से उत्तर भारत के उन राज्यों पर रहेगा, जहां आने वाले वर्षों में नदियों के पानी की मांग बढ़ने वाली है। इनमें शामिल हैं: जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान। इन राज्यों में जागरूकता अभियान के माध्यम से बताया जाएगा कि भारत अब सिंधु नदी के पानी का बेहतर और अधिकतम उपयोग कैसे करेगा।
क्या है सरकार की योजना?
भारत अब सिंधु नदी के पानी का अधिकतम और कुशल उपयोग अपने लिए करेगा, जिसके लिए एक दीर्घकालिक रणनीति पर काम चल रहा है। इस योजना के तहत लगभग 160 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा, जिससे चिनाब नदी को रावी, ब्यास और सतलुज नदी तंत्र से जोड़ा जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, जल प्रवाह को सुचारु रूप से जोड़ने के लिए करीब 13 किलोमीटर लंबी सुरंग (टनल) भी बनाई जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से पानी को जम्मू-कश्मीर से होते हुए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तक पहुंचाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि सिंधु जल को राजस्थान के श्रीगंगानगर क्षेत्र तक लाया जाए, और यह पूरी योजना अगले तीन वर्षों में पूरी की जाएगी। इसके लिए इन राज्यों की मौजूदा 13 नहर प्रणालियों को आपस में जोड़ा जाएगा, ताकि जल संसाधनों का प्रभावी दोहन सुनिश्चित हो सके।
पानी से सिंचाई और बिजली दोनों को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से: कृषि क्षेत्रों को सिंचाई का अतिरिक्त पानी मिलेगा, बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और भारत अब सरप्लस पानी को पाकिस्तान की बजाय खुद इस्तेमाल कर सकेगा।
जनता को सीधे समझाएंगे मंत्री
वरिष्ठ मंत्री गांवों, कस्बों और जल परियोजनाओं वाले इलाकों में जाकर लोगों को बताएंगे कि कैसे मोदी सरकार का यह फैसला उन्हें आने वाले समय में पानी की कमी से बचाने में मददगार होगा।