अमित शाह का बड़ा ऐलान: राजनीति से संन्यास के बाद वेदों और प्राकृतिक खेती का करेंगे अध्ययन
punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 05:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की महिला सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ 'सहकार संवाद' करते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि सेवानिवृत्ति के बाद, वह अपना शेष जीवन वेदों, उपनिषदों और प्राकृतिक खेती के अध्ययन में लगाएंगे। यह बयान उनके भविष्य की योजनाओं को दर्शाता है, जहाँ वे राजनीति के बाद आध्यात्मिक और प्राकृतिक जीवन की ओर रुख करना चाहते हैं।
सहकारिता मंत्रालय का उद्देश्य और महिला सशक्तिकरण
संवाद से पहले अमित शाह के कार्यालय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया था कि सहकारिता मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के 'सहकारिता से समृद्धि' के दृष्टिकोण के तहत काम कर रहा है। इसका लक्ष्य किसानों को सशक्त करके ग्रामीण और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इस पोस्ट में यह भी कहा गया कि मोदी सरकार में सहकारिता क्षेत्र महिलाओं की आत्मनिर्भरता का एक सशक्त माध्यम बना है। इससे पहले सहकारिता मंत्रालय के चौथे स्थापना दिवस पर, भारत की दुग्ध राजधानी कहे जाने वाले आणंद में एक भव्य सहकार सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।
ये भी पढ़ें- आबकारी नीति मामला: अदालत ने ईडी से केजरीवाल की याचिका पर जवाब मांगा
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक और सुरक्षा व्यवस्था
एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि अमित शाह 10 जुलाई को रांची में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में चार पूर्वी राज्यों - झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल - के लगभग 70 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। बैठक के मद्देनजर रांची में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और शाह बुधवार शाम राज्य की राजधानी पहुंचेंगे।
बता दें कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के तहत देश में पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री इन पांच क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष होते हैं, और सदस्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उपराज्यपाल/प्रशासक इसके सदस्य होते हैं।