Teacher’s Day: आखिर 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, जानें कब हुई इसकी शुरूआत
punjabkesari.in Sunday, Sep 05, 2021 - 12:17 PM (IST)
एजुकेशन डेस्क: पूरे देश में आज शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 5 सितंबर को शिक्षकों को सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस (Teacher's Day) मनाया जाता है। इस दिन देश-भर के स्टूडेंट अपने टीचर्स को गिफ्ट देकर उनका आभार व्यक्त करते हैं। यह दिन शिक्षक और शिष्यों के बीच प्यार और सम्मान का दिन होता है। क्योंकि शिक्षक हमेशा हमें गाइड करते है, प्रेरणा देते हैं। इनकी प्रेरणा की बदौलत ही समाज में हमें एक अच्छा नागरिक बनाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन की नींव होते हैं। क्या आप जानते हैं कि आखिर शिक्षक दिवस को इसी दिन क्यों मनाया जाता है। आइए, जानते हैं क्या है शिक्षक दिवस का इतिहास–
क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?
बता दें कि, 1962 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पद ग्रहण किया। तब उनके कुछ छात्र व मित्र उनके पास पहुंचे और उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति दें। लेकिन उन्होंने मना कर दिया उनका कहना था कि मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने के बजाय इस 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गौरवपूर्ण सौभाग्य होगा। तभी पहली बार 1962 में उनके जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया गया था। तब से उनकी जयंती यानी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक दिवस का दिन काफी महत्व रखता है, क्योंकि सभी शैक्षणिक संस्थानों के छात्र अपने सभी शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान दिखाते हैं। पहले का समय हो या आज का जमाना गुरू की शिक्षा के महत्व को सबसे ऊपर रखा जाता है। शिक्षक न सिर्फ बच्चे को लिखना-पढ़ना सिखाते हैं बल्कि वह बच्चे में नैतिक मूल्यों को डालकर उसके भविष्य की रचना भी करते हैं। इस दिन शिक्षकों को समाज के विकास में उनके अनकहे योगदान के लिए भी सम्मानित किया जाता है।
राष्ट्रपति करते हैं सम्मानित
हर साल इस दिन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। देश के राष्ट्रपति के द्धारा यह पुरस्कार दिया जाता है। स्कूलों में, छात्र अपने शिक्षकों के लिए नृत्य और गायन प्रदर्शन, कार्यक्रम और नाटक प्रस्तुत करते हैं। छात्र प्रशंसा के प्रतीक के रूप में अपने पसंदीदा शिक्षक को गुलाब, हस्तनिर्मित कार्ड और उपहार भी देते हैं।