अफगान शांति वार्ता के बीच अब्दुल्ला ने की अजीत डोभाल से मुलाकात

punjabkesari.in Friday, Oct 09, 2020 - 04:53 PM (IST)

नई दिल्ली: पांच दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे अफगानिस्तान की शांति परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने बुधवार को एनएसए अजीत डोभाल से दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। मुलाकात के बाद अब्दुल्ला ने भारत को आमंत्रण देने के लिए धन्यवाद कहा। इस दौरे के पहले दिन उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बातचीत की और कहा कि उनकी बातचीत काफी अच्छी रही। अब्दुल्ला ने बताया कि भारत स्वतंत्र, लोकतांत्रिक, संप्रभु और शांत अफगानिस्तान के पक्ष में है। बातचीत में डोभाल ने भारत की इस अपेक्षा को अभिव्यक्त किया। वार्ता में अब्दुल्ला के साथ कई अफगान नेता और अधिकारी भी शामिल थे।   उन्होंने कहा कि अजीत डोभाल के साथ युद्धग्रस्त देशों में महत्वपूर्ण शांति पहल को लेकर बात हुई और दोहा में हुए अफगान शांति प्रक्रिया एवं वार्ता को लेकर भी चर्चा हुई। अब्दुल्ला ने कहा कि भारत द्वारा किए गए हर तरह की शांति प्रयासों और समझौते को हमारा पूर्ण समर्थन रहेगा।

वहीं अब्दुल्ला और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बुधवार को हुई वार्ता के बारे में श्रीवास्तव ने बताया कि इस बैठक में अफगान शांति प्रक्रिया और इससे संबंधित मुद्दों सहित अफगानिस्तान में बढ़े हिंसा के स्तर पर बात हुई। बैठक के बाद अब्दुल्ला ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया का भारत की ओर से समर्थन जारी रखने को लेकर मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है। अब्दुल्ला पांच दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को नयी दिल्ली पहुंचे। उनके इस दौरे का मकसद अफगान शांति प्रक्रिया के लिए समर्थन जुटाना और क्षेत्रीय सहमति बनाने का प्रयास करना है। अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर खुशी हुई। दोस्ताना माहौल में हुई वार्ता के दौरान हमने अफगान शांति प्रक्रिया से जुड़े ताजा घटनाक्रमों, दोहा वार्ता और शांति प्रयासों को भारत के समर्थन जैसे मुद्दों की समीक्षा की। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान और शांति प्रक्रिया का भारत की ओर से समर्थन जारी रखने को लेकर मुझे आश्वस्त किया है। मैंने उन्हें और भारत के लोगों को आमंत्रण देने और आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया। मैंने अफगान शांति प्रक्रिया हेतु भारत की सैद्धांतिक स्थिति के लिए भारत का धन्यवाद किया। अब्दुल्ला की यह यात्रा दोहा में अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता के बीच हुई है। अफगान अधिकारियों के मुताबिक यह यात्रा एक क्षेत्रीय आम सहमति बनाने और अफगान शांति प्रक्रिया के समर्थन के प्रयासों का हिस्सा है।

गौरतलब है कि तालिबान और अफगान सरकार 19 साल के युद्ध को समाप्त करने के लिए पहली बार सीधी बातचीत कर रहे हैं। अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत एक महत्वपूर्ण पक्षकार है। भारत ने अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण गतिविधियों में करीब दो अरब डालर का निवेश किया है। फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत उभरती राजनीतिक स्थिति पर करीबी नजर बनाये हुए हैं। इस समझौते के तहत अमेरिका, अफगानिस्तान से अपने सैनिक हटा लेगा । वर्ष 2001 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 2400 सैनिक मारे गए हैं। पिछले महीने दोहा में अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर आयोजित बैठक के प्रारंभिक सत्र में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लिया था। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि अफगानिस्तान की धरती का कभी भी भारत विरोधी गतिविधियों के लिये इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। साथ ही यह भी कहा था कि भारत और अफगानिस्तान की मित्रता मजबूत और दृढ़ है और नयी दिल्ली के विकास कार्यक्रमों से अफगानिस्तान का कोई भी हिस्सा अछूता नहीं है। 


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Anil dev

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