वेबसाइट पर विज्ञापनों के लिए मोदी सरकार की नई नीति

punjabkesari.in Thursday, May 26, 2016 - 07:39 PM (IST)

नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वेबसाइटों को सरकारी विज्ञापन देने के बारे में एक नीति तैयार की है , जिसके तहत एजेंसियों का पैनल बनाने और विज्ञापन दर के मानदंड निर्धारित किए गए हैं। मंत्रालय की जारी एक सूचना के अनुसार इस नीति के तहत विज्ञापन एवं ²श्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी)के पैनल में शामिल वेबसाइटों के लिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के विज्ञापन जारी करने के लिए डीएवीपी ही मुय एजेंसी होगी।
 
स्वायत्त निकाय तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां सीधे ही विज्ञापन जारी कर सकेंगी लेकिन उन्हें डीएवीपी द्वारा निर्धारित दरों तथा डीएवीपी के पैनल में शामिल एजेंसियों को ही विज्ञापन देने होंगे। सूचना में कहा गया है कि डीएवीपी द्वारा पैनल में केवल उन्हीं वेबसाइटों को शामिल किया जाता है, जिनका स्वामित्व एवं संचालन उन कंपनियों के पास है, जिनका गठन भारत में हुआ है। 
 
इस नियम में थोड़ा बदलाव किया गया है और अब उन विदेशी कंपनियों तथा विदेशी मूल के स्वामित्व वाली वेबसाइटों को भी पैनल में शामिल किया जा सकता है जिनके शाखा कार्यालय पंजीकृत हों और भारत में कम से कम एक वर्ष से संचालित की जा रही हो। इस नीति के तहत वेबसाइटों के हिट यानी वेबसाइट के इस्तेमाल को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में 50 लाख और उससे ज्यादा लोगों द्वारा हिट की जाने वाली वेबसाइट है जबकि दूसरी श्रेणी में 20 लाख से 50 तथा तीसरी श्रेणी में 25 हजार से 20 लाख तक के हिट वाली वेबसाइट को रखने की व्यवस्था की गई है। 
 
इस नीति में यह आवश्यक किया गया है कि वेबसाइटों द्वारा सरकारी विज्ञापनों का संचालन किसी थर्ड पार्टी के एड सर्वर (3-पीएएस) के जरिए किया जाएगा जिसकी सेवा डीएवीपी द्वारा ऑनलाइन बिङ्क्षलग से जुड़ी सभी रिपोर्टों के लिए ली जा रही है। इसका इस्तेमाल भुगतान के लिए बिलों के सत्यापन हेतु किया जाएगा। पैनल में शामिल प्रत्येक वेबसाइट के यूनिक यूजर आंकड़ों की समीक्षा हर साल अप्रैल के प्रथम सप्ताह में की जाएगी। 

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