Pune Porsche Accident : दो लोगों की हत्या करने वाले किशोर पर चलेगा बालिग केस, औरंगाबाद से पिता को भी किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Tuesday, May 21, 2024 - 10:05 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  पुणे में हुए पोर्श हादसे में महाराष्ट्र पुलिस ने तेजी से एक्शन में आ गई है। पुणे पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के के पिता को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी तेज रफ्तार पोर्शे से एक बाइक को टक्कर मार दी थी और दो लोगों की जान ले ली थी। विशाल अग्रवाल को सोमवार (20 मई) को उनके खिलाफ दर्ज मामले के आधार पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले सोमवार को पुलिस ने हाईकोर्ट से आरोपी पर वयस्क अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। 

बता दें कि घटना 19 मई की तड़के सुबह की है। किशोर ने दोपहिया वाहन पर सवार एक जोड़े के ऊपर अपनी स्पोर्ट्स कार चढ़ा दी। नाबालिग उस वक्त शराब के नशे में था। उस समय लड़के के साथ दो अन्य लोग मौजूद थे, जिनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई है। मरने वालों की पहचान अनीश अवधिया और उसकी साथी अश्विनी कोष्टा के रूप में हुई है। वे दोनों 24 साल के थे और आईटी सेक्टर में काम करते थे। 

इससे बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया और बाद में पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि उन्होंने किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के लिए उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी थी। पुणे पुलिस का कहना है कि घटना की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल FIR दर्ज होने के बाद फरार हो गया था। क्राइम ब्रांच ने विशाल को मंगलवार सुबह छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया। विशाल को अब दोपहर तक पुणे लाया जाएगा।

14 घंटे के भीतर मिली जमानत
हालांकि, किशोर न्याय बोर्ड की निचली अदालत ने आरोपी नाबालिग को 14 घंटे के भीतर यह कहते हुए कि जमानत दे दी कि अपराध इतना गंभीर नहीं था कि जमानत देने से इनकार किया जा सके। अदालत ने रिहाई पर कुछ शर्तें भी तय कीं, जिनमें 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध भी लिखना होगा।

इस मामले में पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस ने हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। पुलिस कमिश्नर का यह बयान आरोपी नाबालिग को जमानत दिए जाने पर नाराजगी के बीच आया है। CP अमितेश कुमार ने कहा, आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हमने आरोपी के साथ वयस्क की तरह व्यवहार किए जाने के लिए अदालत का रुख किया।

पुलिस बोली यह अपराध है
पुलिस ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम की धारा 2 के तहत एक अपराधी है। हालांकि, स्थानीय अदालत ने पुलिस के इस आवेदन को अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने इस आदेश के खिलाफ कल ऊपरी अदालत में अपील की। इसके अलावा जांच में ये भी सामने आया कि आरोपी किशोर अपने दोस्तों से मिलने गया था और खुद तेज गति से पोर्श कार चला रहा था। पुलिस ने कहा, कार उसके पिता के नाम पर रजिस्टर्ड है और उस पर नंबर प्लेट तक नहीं थी। 
 

नाबालिग को  कहा 'मानव बम'
इस घटने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें राहगीरों ने नाबालिग आरोपी और उसके दोस्तों को कार से बाहर निकाल कर पिटाई की। एक अन्य सीसीटीवी फुटेज में आरोपी और उसके दोस्त इस दुर्घटना से पहले एक बार में बैठकर शराब पीते नजर आ रहे हैं।  वहीं, हादसे में जिस अनीश अवधिया की मौत हुई है, उनके चाचा अखिलेश अवधिया ने कहा, नाबालिग पर लगाई गई जमानत की शर्तें हास्यास्पद हैं। इसके चलते उन्होंने लापरवाही के लिए महाराष्ट्र पुलिस की आलोचना की। उन्होंने नाबालिग को 'मानव बम' कहते हुए बोला कि उन्हें सजा सात साल होनी चाहिए। जमानत की शर्तें हास्यास्पद हैं। कक्षा 5 के छात्रों को भी ये पढ़ाया जाता है। वो 3 करोड़ रुपये की कार चला रहा था। सिर्फ इसलिए कि वो एक बिजनेस टाइकून का बेटा है, इसलिए रिहा कर दिया गया।

 

 


 


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Content Editor

Mahima

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