तृप्ति देसाई ने किया सबरीमाला मंदिर में जाने का एलान, PM को भेजा खत
punjabkesari.in Thursday, Nov 15, 2018 - 11:26 AM (IST)
नेशनल डेस्क: सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद जारी है। वहीं इसी बीच सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने ऐलान किया कि वह 17 नवंबर को 10 से 50 की आयु वर्ग (पहले निषिद्ध) की छह अन्य महिलाओं के साथ सबरीमला मंदिर जाएंगी। लेकिन एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता ने इसका कड़ा विरोध किया है जिससे ताजे टकराव का डर पैदा हो गया है।
शनिधाम शिंगणापुर मंदिर, हाजी अली दरगाह, महालक्ष्मी मंदिर और त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर सहित कई धार्मिक जगहों पर महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिलाने के अभियान की अगुवाई कर चुकीं तृप्ति ने ऐसे समय यह घोषणा की है जब उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले पर स्थगन से एक बार फिर इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर में सभी उम्रवर्गों की महिलाओं की अनुमति दी थी। इस बीच, केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने सबरीमला मुद्दे पर ‘समग्र रवैया’ अपनाए जाने पर बल दिया ताकि लोगों की भावनाएं आहत नहीं हों।
सबरीमला में दो महीने तक चलने वाला मंडला-मक्करविलक्कू तीर्थाटन सत्र 17 नवंबर को प्रारंभ होगा। उस दौरान देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। शीर्ष अदालत द्वारा अपने फैसले पर स्थगन लगाने से इनकार करने के बाद अब यह देखना है कि 10-50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं छह किलोमीटर की श्रमसाध्य दूरी को पैदल चलकर पूरा करने के बाद मंदिर में प्रवेश कर पाएंगी या नहीं। शीर्ष अदालत के 28 सितंबर के फैसले के बाद जब यह मंदिर खोला गया था तब निलक्कल और पांबा में ऐसी ही कोशिशों को प्रदर्शनकारियों ने विफल कर दिया था।
देसाई ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को एक ईमेल भेजकर सुरक्षा मांग की है क्योंकि उन्हें मंदिर जाने के दौरान अपने ऊपर हमला होने का डर है। उन्होंने कहा कि हम सबरीमला मंदिर में दर्शन के बिना महाराष्ट्र नहीं लौटेंगे। हमें सरकार पर विश्वास है कि वह हमें सुरक्षा मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि उसे ई-मेल मिला है और यह संबंधित अधिकारियों को भेजा गया है। तृप्ति ने मंदिर यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी एक मेल भेजा है।
इस बीच मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संगठनों में शामिल ‘अयप्पा धर्म सेना’ के अध्यक्ष राहुल ईश्वर ने कहा कि अयप्पा के श्रद्धालु तृप्ति और उसके समूह के पवित्र मंदिर में प्रवेश और पूजा के किसी भी प्रयास का ‘गांधीवादी तरीके’ से विरोध करेंगे। सबरीमला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सदियों पुरानी पाबंदी को हटाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के माकपा की अगुवाई वाली केरल सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्षी कांग्रेस, भाजपा, आरएसएस और दक्षिणपंथी संगठन कई प्रदर्शन कर चुके हैं।