सभी बाइक और स्कूटर के लिए ABS होगा अनिवार्य, जानें क्या हो सकता है नया नियम
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 04:41 PM (IST)

Auto Desk : भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है, जिसमें खास तौर पर टू-व्हीलर वाहन शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में लगभग 75,000 लोग टू-व्हीलर से जुड़ी दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। अभी भी कई 100cc और 125cc बाइकें ड्रम या डिस्क ब्रेक के साथ बाजार में उपलब्ध हैं, जबकि इन वाहनों में ABS (एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर, बजाज ने अपनी प्लेटिना 110cc बाइक में ABS की सुविधा दी थी, लेकिन वह मॉडल अब बंद हो चुका है। इस गंभीर समस्या को देखते हुए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) सभी बाइक और स्कूटर में ABS को अनिवार्य करने की योजना बना रहा है, जिसे जनवरी 2026 से लागू करने की उम्मीद है।
सभी टू-व्हीलर्स के लिए ABS अनिवार्य होगा
फिलहाल ABS की सुविधा 125cc से अधिक क्षमता वाले टू-व्हीलर्स के लिए अनिवार्य है। यह नियम 11 किलोवाट (लगभग 15 हॉर्सपावर) या उससे अधिक पावर आउटपुट वाले वाहनों पर भी लागू हो सकता है। साथ ही, जिन दोपहिया वाहनों का पावर-टू-वेट अनुपात 0.1 किलोवाट प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है, उन्हें भी ABS से लैस किया जाना आवश्यक होगा।
वर्तमान में, 100cc से 125cc तक की बाइक में कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) अनिवार्य है, लेकिन यह ABS जितना प्रभावी नहीं माना जाता। ABS बेहतर और विश्वसनीय ब्रेकिंग प्रदान करता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है। अध्ययनों के अनुसार, ABS से दोपहिया दुर्घटनाओं में लगभग 33% तक कमी आ सकती है, जिससे दुर्घटना संबंधी मौतों और चोटों में काफी हद तक कमी आएगी।
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ABS अपग्रेड की लागत
ABS तकनीक को बाइक या स्कूटर में जोड़ने पर कीमत में लगभग 6,000 से 10,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, बड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण यह लागत कम हो सकती है। चूंकि यह अतिरिक्त खर्च उपभोक्ताओं के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है, इसलिए उम्मीद है कि सरकार एंट्री-लेवल कम्यूटर सेगमेंट में ABS अपग्रेड की कीमत को कम करने के लिए विशेष कदम उठाएगी। संभव है कि इस तकनीक पर लागू वर्तमान 28% GST दर में भी कुछ छूट दी जाए, ताकि उपभोक्ताओं पर बोझ कम हो सके।
हेलमेट की अनिवार्यता
सड़क परिवहन मंत्रालय (MORTH) ने यह भी योजना बनाई है कि नए दोपहिया वाहनों के साथ दो BIS-प्रमाणित हेलमेट देना अनिवार्य होगा एक चालक के लिए और दूसरा पीछे बैठने वाले के लिए। यह कदम भी दुर्घटना आंकड़ों को ध्यान में रखकर लिया गया है, क्योंकि दोपहिया दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का एक बड़ा हिस्सा सिर पर लगी चोटों के कारण होता है।