गुपकार समझौते को लेकर फिर हुई बैठक, अब्दुल्ला अध्यक्ष और महबूबा होंगी समिति की उपाध्यक्ष
punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 06:12 PM (IST)

नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित महबूबा मुफ्ती के आवास पर शनिवार को एक बार फिर पीपुल्स एलायंस के सदस्यों ने मिलकर गुपकार समझौते पर बैठक की। इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अबदुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अबदुल्ला भी मौजूद रहे।
यह कोई धार्मिक लड़ाई नहीं है: फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान कहा कि यह कोई देश विरोधी जमात नहीं है। हमारा उद्देश्य बस यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों को फिर से बहाल किया जाए। धर्म के नाम पर हमें विभाजित करने के प्रयास विफल होंगे। यह कोई धार्मिक लड़ाई नहीं है।
Jammu & Kashmir: Meeting of members of 'People's Alliance for Gupkar Declaration' underway at Peoples Democratic Party (PDP) chief Mehbooba Mufti's residence in Srinagar.
— ANI (@ANI) October 24, 2020
National Conference (NC) president Farooq Abdullah and NC Vice President Omar Abdullah also present. pic.twitter.com/rZ8XMZFb7o
हम भाजपा के खिलाफ हैं, देश के नहीं'
पिपुल्स एलायंस गुपकार समझौते की बैठक के बाद नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम भाजपा के विरोध में हैं, देश के नहीं।
फारूक अब्दुल्ला अध्यक्ष और महबूबा होंगी उपाध्यक्ष
'पिपुल्स एलायंस गुपकार समझौते' की बैठक के बाद सज्जाद लोन ने बताया कि फारूक अब्दुल्ला इस समिति के अध्यक्ष होंगे और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती उपाध्यक्ष होंगी। इस संबंध में अगले एक महीने के अंदर दस्तावेज भी तैयार कर लिए जाएंगे। इनके माध्यम से हम उन तथ्यों को सामने लाएंगे जिनका झूठा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
इससे पहले 15 अक्तूबर को भी नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया फारूख अब्दुल्ला के घर पर प्रदेश के कई दलों के नेताओं ने बैठक की थी। इसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस एवं अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे।
करीब दो घंटे तक चली उस बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि सभी पार्टियों ने इस समझौते का नाम गुपकार से बदलकर 'पीपुल एलायंस गुपकार समझौता' करने पर आम सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान राजनीतिक है। आगे की रणनीति के लिए हम फिर बैठक करेंगे।