केजरीवाल ने लगाया 'हाऊस टैक्स' पर दांव, फायदा उठाएगा सिर्फ 'खास आदमी'

punjabkesari.in Sunday, Apr 02, 2017 - 03:25 PM (IST)

नई दिल्लीः मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव में एक गुगली फेंक दी है। आम आदमी पार्टी द्वारा फेंकी गई इस गुगली में विपक्षी पार्टियां फंसती हुई नजर आ रही हैं। केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव में जीत हासिल करने पर हाऊस टैक्स माफ करने का एलान किया है। हालांकि रिहायशी कैटिगरी में दी जाने वाली सौगात की कीमत कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को चुकानी पड़ सकती है। एक न्यूज पेपर द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर केजरीवाल सरकार 'ए' और 'बी' कैटिगरी को लाभ पहुंचाएगी, मतलब उनके टैक्स में कटौती करेगी जबकि दूसरों को इसका कोई फायदा नहीं होगा।

बता दें कि 2016-17 में दक्षिण निगम के लिए कुल आंतरिक राजस्व 2,755 करोड़ रुपए था। पूर्व निगम के लिए इसका आंकड़ा 1,478 करोड़ रुपए था और उत्तर निगम के लिए, यह 2,668 करोड़ रुपए था। चूंकि तीन निगमों के एक-तिहाई से एक तिहाई राजस्व संपत्ति कर से आता है, इसलिए किसी भी छूट से स्वच्छता, प्राथमिक स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी नागरिक सेवाओं पर असर पड़ेगा क्योंकि संपत्ति कर आय का उपयोग इन सेवाओं को प्रदान करने के लिए किया जाता है। ऐसे में केजरीवाल के लिए ये वादा पूरा कर पाना इतना आसान नहीं होगा।

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केटेगरी के हिसाब से लगता है हाऊस टैक्स
दिल्ली में सभी संपत्तियों को श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जैसे- A से लेकर H  तक, और प्रत्येक श्रेणी नागरिक निकायों को प्रति वर्ग मीटर में एक अलग दर का भुगतान करती है। श्रेणी A, जिसमें फ्रेंड्स कॉलोनी, सुंदर नगर जैसे क्षेत्रों में सबसे ज्यादा संपत्ति कर 630 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से भुगतान करता है, श्रेणी B (सफदरजंग एन्क्लेव, कैलाश कॉलोनी) 500 रुपए प्रति वर्ग मीटर का भुगतान करता है श्रेणी C के लिए दर 400 रुपए/ वर्ग मीटर है, वर्ग D के लिए 320 रुपए/ वर्ग मीटर, श्रेणी E के लिए 270 रुपए / वर्ग मीटर; श्रेणी F के लिए 230 रुपए / वर्ग मीटर; श्रेणी G के लिए 200 रुपए/ वर्ग मीटर और वर्ग H में कॉलोनियों के लिए 100 रुपए/ वर्ग मीटर, जहां वे ग्रामीण नहीं हैं।

दिल्ली सरकार लगाएगी नया टैक्स
दिल्ली फाइनैंस कमिशन के चेयमैन सुधीर कृष्णा ने कहा, 'निगमों के पास वॉटर और सीवरेज ट्रीटमेंट जैसे बड़े प्रोजेक्ट के लिए बॉन्ड जारी करने का विकल्प है। बेटरमेंट टैक्स को भी रेवेन्यू के लिए भुनाया नहीं जा सका है।' ए और बी कैटिगरी की रईस कॉलोनियों वाली साउथ एमसीडी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'कोई निगम इन कॉलोनियों को पूरी छूट नहीं दे सकता। अगर हाउस टैक्स खत्म होगा तो उससे ज्यादा स्लैब के साथ बेटरमेंट टैक्स या कोई नया कर आएगा। दिल्ली सरकार ने बिजली बिल 50 फीसदी तो घटा दिया, लेकिन 400 यूनिट से ज्यादा खर्च करने वालों का बिल काफी बढ़ गया।'

बता दें कि दिल्ली के तीनों नगर निगम के लिए 23 अप्रैल को चुनाव होने हैं। 26 अप्रैल को वोटों की गिनती होगी। आम आदमी पार्टी पहली बार नगर निगम का चुनाव लड़ रही है।


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