आमिर खान की ''सितारे ज़मीन पर'' ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल, पहले ही दिन ''हाउसफुल 5'' को चटाई धूल
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 01:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: साल 2025 की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक आमिर खान और जेनेलिया डिसूजा अभिनीत 'सितारे ज़मीन पर' आखिरकार 20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म ने रिलीज के पहले दिन ही दर्शकों और समीक्षकों दोनों का दिल जीत लिया है, जिससे बॉक्स ऑफिस पर इसकी धमाकेदार शुरुआत हुई है। खास बात यह है कि 'सितारे ज़मीन पर' ने पहले दिन की कमाई में अक्षय कुमार की मल्टी-स्टारर फिल्म 'हाउसफुल 5' को भी पीछे छोड़ दिया है।
'तारे ज़मीन पर' से कहीं आगे निकली 'सितारे ज़मीन पर'
तीन साल के लंबे ब्रेक के बाद, सुपरस्टार आमिर खान ने 'सितारे ज़मीन पर' के साथ बड़े पर्दे पर शानदार वापसी की है। उनकी इस फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है. इंडस्ट्री ट्रैकर सैकनिल्क के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, 'सितारे ज़मीन पर' ने अपने पहले दिन सभी भाषाओं में 11.7 करोड़ रुपये की शानदार कमाई की है. यह फिल्म अपनी प्रीक्वल 'तारे ज़मीन पर' (2007) के पहले दिन के कलेक्शन से कई गुना ज्यादा है, जिसने उस समय ₹2.62 करोड़ की ओपनिंग की थी। यह दिखाता है कि आमिर खान का जादू अभी भी बरकरार है और दर्शक उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
'हाउसफुल 5' की तीसरे हफ्ते में धीमी पड़ी रफ्तार
अक्षय कुमार, रितेश देशमुख और अभिषेक बच्चन स्टारर कॉमेडी-ड्रामा 'हाउसफुल 5' ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दो हफ्तों में खूब धूम मचाई थी। 20 जून को 'सितारे ज़मीन पर' के सिनेमाघरों में आते ही 'हाउसफुल 5' के कारोबार पर असर पड़ा।. शुक्रवार को 'हाउसफुल 5' ने केवल ₹1.85 करोड़ कमाए, जबकि इसी दिन 'सितारे ज़मीन पर' ने ₹11.7 करोड़ की कमाई कर 'हाउसफुल 5' को पहले दिन के कलेक्शन में काफी पीछे छोड़ दिया। 'हाउसफुल 5' अब अपने तीसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुकी है और धीरे-धीरे ₹200 करोड़ के आंकड़े की ओर बढ़ रही है। लेकिन 'सितारे ज़मीन पर' की धमाकेदार एंट्री ने निश्चित रूप से उसके कलेक्शन की रफ्तार धीमी कर दी है।
क्या है 'सितारे ज़मीन पर' की कहानी?
'सितारे ज़मीन पर' की कहानी गुलशन अरोड़ा (आमिर खान) नाम के एक बास्केटबॉल कोच के इर्द-गिर्द घूमती है। गुलशन एक गुस्सैल स्वभाव का कोच है जिसे मुख्य कोच को मुक्का मारने के आरोप में निलंबित कर दिया जाता है। सजा के तौर पर, उसे दिव्यांग बच्चों को बास्केटबॉल की ट्रेनिंग देने का काम सौंपा जाता है। इसके बाद कहानी में कई दिल छू लेने वाले और भावुक पल आते हैं जो दर्शकों को हंसाते भी हैं और उनकी आंखों में आंसू भी ला देते हैं। यह फिल्म इंसानी भावनाओं और चुनौतियों पर जीत की कहानी है।