प्यार का जाल बिछाया... लेकिन खुद ही फंस गई महिला, सुप्रीम कोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Thursday, Jul 17, 2025 - 02:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक शादीशुदा महिला ने अपने बॉयफ्रेंड पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में खुद ही सवालों के घेरे में आ गई। महिला ने अपने बॉयफ्रेंड की अग्रिम जमानत (गिरफ्तारी से पहले मिली राहत) रद्द करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में महिला से ही तीखे सवाल पूछ डाले। कोर्ट ने महिला से पूछा, "अगर आप खुद शादीशुदा थीं, तो फिर आप किसी और के साथ रिश्ता कैसे बना सकती थीं?" यह मामला जितना सीधा दिख रहा था, उतना था नहीं।
सोशल मीडिया से शुरू हुआ रिश्ता, तलाक के बाद आया मोड़
यह कहानी साल 2016 में शुरू हुई, जब एक शादीशुदा महिला की सोशल मीडिया पर अंकित बर्नवाल नाम के एक युवक से पहचान हुई। धीरे-धीरे दोनों करीब आ गए और बात शारीरिक संबंधों तक पहुंच गई। महिला का दावा है कि अंकित ने उससे शादी का वादा किया था और इसी भरोसे में उसने उसके साथ संबंध बनाए।
महिला के अनुसार, अंकित के कहने पर उसने अपने पति से तलाक के लिए केस दायर किया। जब फैमिली कोर्ट ने तलाक मंजूर कर लिया, तो उसने अंकित से शादी करने को कहा, लेकिन तब अंकित पीछे हट गया।
पुलिस शिकायत और फिर सुप्रीम कोर्ट
अंकित के मना करने के बाद महिला ने पुलिस में शिकायत की कि अंकित ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और फिर धोखा दे दिया। मामला बिहार पुलिस के पास पहुंचा। आरोपी अंकित ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली। महिला इस फैसले से संतुष्ट नहीं थी। उसने पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने महिला को ही लगाई फटकार
जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो महिला के वकील ने कोर्ट को बताया कि आरोपी ने बार-बार उसे होटल और गेस्ट हाउस बुलाया और संबंध बनाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने महिला से सीधा सवाल किया:
"आप शादीशुदा थीं, दो बच्चों की मां थीं, समझदार महिला थीं… फिर आप क्यों बार-बार होटल जाती रहीं? आपको समझना चाहिए था कि आप भी कानून के मुताबिक गलत कर रही थीं।" कोर्ट ने आगे टिप्पणी की कि महिला ने भी शादीशुदा होते हुए किसी और से संबंध बनाकर एक तरह का अपराध किया है। यह सुनकर कोर्ट में माहौल गंभीर हो गया और बहस का रुख ही पूरी तरह से बदल गया।
कोर्ट ने आरोपी को दी राहत, महिला की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि महिला का तलाक होने से पहले तक ही दोनों के बीच संबंध थे। तलाक के बाद कोई शारीरिक संबंध नहीं बने। इसी आधार पर कोर्ट ने माना कि आरोपी के खिलाफ सीधे तौर पर बलात्कार का मामला नहीं बनता।