1200 पाक सैनिकाें को धूल चटाने वाले रणछोड़भाई, पढ़े इनकी वीरता की कहानी!(Pics)
punjabkesari.in Monday, Aug 01, 2016 - 07:25 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत के देशवासी जाे चैन और सकून की जिंदगी जी रहे हैं, वे भारत मां के लिए बलिदान देने वाले शहीदाें और बार्डर पर तैनात वीर सपूताें की वजह से है। आज हम अापकाे ऐसे ही एक देशभक्त के बारे में बताने जा रहे हैं, जो साधारण होते हुए भी असाधारण काम कर गया। उसने अकेले ही सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को धूल चटा दी। इनके सम्मान में उत्तर गुजरात के सुईगांव अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र की एक बॉर्डर पोस्ट को इनका नाम दिया है। इस पोस्ट पर इस बहादुर की एक प्रतिमा भी लगाई गई है।
इनका नाम था रणछोड़भाई रबारी। इन्होंने पाकिस्तान के साथ हुई 1965 और 1971 की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे अविभाजित भारत के पेथापुर गथडो गांव के मूल निवासी थे। विभाजन के कारण इनका गांव पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था। ऐसे में पाकिस्तानी सैनिकों की प्रताड़ना से तंग आकर बनासकांठा (गुजरात) में बस गए। वे देश के सच्चे रत्न थे। 2013 के जनवरी महीने में रणछोड़भाई की 112 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई।
1965 के युद्ध में थी अहम भूमिका
वर्ष 1965 के आरंभ में पाकिस्तानी सेना ने भारत के कच्छ सीमा स्थित विद्याकोट थाने पर कब्जा कर लिया था। इसको लेकर हुई जंग में हमारे 100 सैनिक शहीद हो गए थे। इसलिए सेना की दूसरी टुकड़ी (10 हजार सैनिक) को तीन दिन में छारकोट तक पहुंचना जरूरी हो गया था, तब रणछोड़ के मार्गदर्शन से सेना की टुकड़ी निर्धारित समय पर पहुंच सकी। रणक्षेत्र से पूरी तरह परिचित हाेने के कारण उन्हाेंने पाक सैनिकों की नजर से बचकर इलाके में छुपे 1200 पाकिस्तानी सैनिकों के लोकेशन का भी पता लगा लिया था। यह जानकारी भारतीय सेना के लिए अहम साबित हुई। सेना ने इन पर हमला कर विजय प्राप्त की थी।