Pollution: प्रदूषण से दुनियाभर में 90 लाख लोगों की गई जान, जानिए भारत में हुईं कितनी मौतें

punjabkesari.in Wednesday, May 18, 2022 - 01:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि वैश्विक स्तर पर हर साल होने वालीं 90 लाख मौत के मामलों के लिए सभी प्रकार का प्रदूषण जिम्मेदार है तथा वाहनों और उद्योगों के धुएं के कारण हुए वायु प्रदूषण की वजह से मरने वालों की संख्या 2000 के बाद से 55 प्रतिशत बढ़ गई है। 'द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, अमेरिका प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में शीर्ष 10 देशों में से एकमात्र ऐसा देश है जो पूरी तरह से उद्योग पर निर्भर है। 2019 में प्रदूषण से होने वालीं 142,883 मौतों के साथ वह विश्व में सातवें स्थान पर है, जिसके पहले और बाद में क्रमश: बांग्लादेश और इथियोपिया हैं।

 

मंगलवार का पूर्व-महामारी अध्ययन वास्तव में ‘‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज'' के आंकडों और सिएटल में स्थित ‘‘इन्स्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवॉल्यूशन'' के आंकलन पर आधारित है। भारत और चीन प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में दुनिया में सबसे आगे हैं। भारत में सालाना लगभग 2.4 लाख लोगों की तो चीन में लगभग 2.2 लाख लोगों की मौत प्रदूषण के कारण होती हैं, लेकिन दोनों देशों में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी भी है।

 

यदि मौत को प्रति जनसंख्या दर के हिसाब से देखा जाए तो अमेरिका नीचे से 31वें स्थान पर आता है। यहां प्रति 100,000 की आबादी में प्रदूषण के कारण मौत का आंकड़ा 43.6 है। चाड और मध्य अफ्रीकी गणराज्य प्रति 100,000 की आबादी पर प्रदूषण से होने वाली लगभग 300 मौत के साथ उच्चतम स्थान पर हैं। इनमें से आधी से अधिक मौत का कारण दूषित पानी है। ब्रुनेई, कतर और आइसलैंड में प्रदूषण के कारण मृत्यु दर 15 से 23 के बीच सबसे कम है। प्रदूषण की वजह से मौत का वैश्विक औसत प्रति 100,000 लोगों पर 117 है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Recommended News

Related News