'मौनी माता' के नाम से मशहूर हुई 85 वर्षीय महिला, राम मंदिर के निर्माण तक बात न करने का लिया फैसला
punjabkesari.in Thursday, Jan 11, 2024 - 05:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: झारखंड के धनबाद में रहने वाली 85 वर्षीय महिला इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। महिला का नाम सरस्वती देवी बताया गया है, जिन्हें अयोध्या में 'मौनी माता' के नाम से जाना जाता है। कहा जा रहा है कि मौनी माता ने 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त पर प्रतिज्ञा की थी कि जब तक राम मंदिर के निर्माण नहीं होता तब तक वे बात नहीं करेंगी।
महिला को लेकर पारिवारिक सद्स्यों का दावा है कि महिला सांकेतिक भाषा के जरिए बातचीत करती थीं। वर्ष 2020 से मौनी देवी प्रत्येक दिन दोपहर में एक घंटे के लिए बात करती थी। लेकिन जिस दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी, वह पूरी तरह से चुप हो गईं। इसी के साथ उनके एक अन्य पारिवारिक सदस्य इन्नू अग्रवाल ने बताया कि "बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, मेरी सास ने अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर के निर्माण तक 'मौन व्रत' का संकल्प लिया। वह दिन में 23 घंटे मौन रहती थीं, केवल दोपहर में एक घंटे का ब्रेक लेती थीं। बाकी समय, वह कलम और कागज के माध्यम से हमसे संवाद करती थी।”अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि "हालांकि, जब 2020 में पीएम मोदी द्वारा राम मंदिर की नींव रखी गई, तो वह 24 घंटे के 'मौन व्रत' के लिए चली गईं और मंदिर के उद्घाटन के बाद ही बोलने की प्रतिज्ञा की।"
सरस्वती देवी के सबसे छोटे बेटे 55 वर्षीय हरे राम अग्रवाल ने कहा कि- "जिस दिन 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया गया था, मेरी मां ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने तक मौन रहने की शपथ ली थी। जब से मंदिर के अभिषेक की तारीख की घोषणा की गई है तब से वह बहुत खुश हैं।," आगे उन्होंने कहा कि देवी को महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्यों ने राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।