80 साल के बुजुर्ग को फेसबुक पर प्रेम जांल में फंसाया, फिर ठगे 9 करोड़; लगा गहरा सदमा और फिर...
punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 05:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुंबई से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 80 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति को सोशल मीडिया पर 'प्रेमजाल' में फंसाकर करीब 9 करोड़ रुपए की भारी ठगी का शिकार बनाया गया। यह सिलसिला पूरे 21 महीनों तक चला और अब पुलिस इस हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड की गहराई से जांच कर रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
मामले की शुरुआत अप्रैल 2023 में हुई, जब मध्य मुंबई निवासी बुजुर्ग ने फेसबुक पर एक महिला 'शार्वी' को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। शुरुआत में जवाब न मिलने के बाद कुछ दिन बाद शार्वी ने खुद संपर्क किया और बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। जल्द ही उन्होंने व्हाट्सऐप पर संवाद शुरू किया। शार्वी ने खुद को पति से अलग रहने वाली महिला बताया और अपने बच्चों की बीमारी का हवाला देते हुए पैसे मांगे। बुजुर्ग ने भावनात्मक रूप से जुड़कर उसकी आर्थिक मदद करना शुरू कर दिया।
इसके बाद 'कविता' नामक दूसरी महिला ने व्हाट्सऐप पर बुजुर्ग से संपर्क किया और खुद को शार्वी की जानकार बताते हुए दोस्ती की बात की। वह अश्लील मैसेज भेजती और अलग-अलग कारणों से पैसों की मांग करती रही।
दिसंबर 2023 में कहानी में नया मोड़ तब आया, जब एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से 'दिनाज' नाम की महिला ने खुद को शार्वी की बहन बताते हुए संपर्क किया और बताया कि शार्वी की मृत्यु हो चुकी है। उसने अस्पताल के बिलों के नाम पर पैसे मांगे और फिर बुजुर्ग से प्यार और शादी का प्रस्ताव भी रखा।
कुछ समय बाद 'जैस्मिन' नाम की एक और महिला ने खुद को दिनाज की मित्र बताकर एंट्री की। उसने कहा कि दिनाज बुजुर्ग के पैसे लौटाना चाहती है, लेकिन इसके लिए और धनराशि की जरूरत है। बुजुर्ग ने भरोसा कर फिर पैसे दे दिए।
जब पैसे खत्म हो गए, तब बुजुर्ग ने अपने बेटे से 5 लाख रुपए की मदद मांगी। बेटे ने कारण जानना चाहा तो पूरा मामला सामने आया और पता चला कि बुजुर्ग एक सोची-समझी साइबर ठगी के जाल में फंस चुके हैं।
सच्चाई सामने आते ही बुजुर्ग को गहरा मानसिक आघात लगा और तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह संदेह है कि इस फ्रॉड के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है, जो विभिन्न नंबरों और फर्जी पहचान के जरिए बुजुर्गों को निशाना बना रहा है।