80 घंटे काम करने वाले क्रांतिकारी चाहिए! एलन मस्क ने DOGE के लिए वैकेंसी की घोषणा की...
punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2024 - 01:50 PM (IST)
नेशनल डेस्क: जहां एक ओर भारत में 72 घंटे के वर्कवीक पर बहस हो रही है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा गठित डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने अपनी अनोखी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। बता दें कि X (पूर्व में ट्विटर) के सीईओ एलन मस्क और टेस्ला के विवेक रामास्वामी को इस विभाग का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया है।
DOGE ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया कि वह "सुपर हाई-आईक्यू वाले छोटे-सरकारी क्रांतिकारियों" की तलाश कर रहा है, जो 80 घंटे से अधिक काम करने के लिए तैयार हों। इस घोषणा ने लोगों को हैरान कर दिया है।
DOGE की आधिकारिक पोस्ट में कहा गया: "हम उन हजारों अमेरिकियों के आभारी हैं जिन्होंने DOGE में मदद करने में रुचि दिखाई है। हमें ऐसे सुपर हाई-आईक्यू लोगों की जरूरत है, जो अनावश्यक खर्चों में कटौती के लिए 80+ घंटे काम कर सकें। अगर आप वो व्यक्ति हैं, तो अपना CV भेजें। टॉप 1% CV की समीक्षा खुद एलन मस्क और विवेक रामास्वामी करेंगे।"
We are very grateful to the thousands of Americans who have expressed interest in helping us at DOGE. We don’t need more part-time idea generators. We need super high-IQ small-government revolutionaries willing to work 80+ hours per week on unglamorous cost-cutting. If that’s…
— Department of Government Efficiency (@DOGE) November 14, 2024
एलन मस्क ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: “यह काम थकाने वाला होगा, कई दुश्मन बनेंगे, और इसका पारिश्रमिक शून्य होगा। क्या शानदार सौदा है!” विवेक रामास्वामी ने भी इस पर टिप्पणी की: “यह उन सरकारी नौकरशाहों से बिल्कुल उलट है, जो बहुत कम काम करते हैं, लोगों को वही सुनाते हैं जो वे सुनना चाहते हैं, और अपनी वास्तविक उत्पादकता से अधिक कमाते हैं।”
DOGE: ट्रम्प का विज़न
डोनाल्ड ट्रम्प ने DOGE के गठन पर कहा कि इसका उद्देश्य अतिरिक्त नियमों को कम करना और बेकार खर्चों में कटौती करना है। उन्होंने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता अमेरिकियों का जीवन बेहतर बनाएगी।
दिलचस्प बात यह है कि एलन मस्क और रामास्वामी इस जिम्मेदारी को बिना किसी वेतन के निभा रहे हैं।