पिछले पांच साल में रोजगार चाहने वाले परिवारों में से 64 प्रतिशत को मिली नौकरी: सर्वे

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2019 - 12:35 AM (IST)

नई दिल्ली: पिछले पांच साल के दौरान रोजगार की तलाश करने वाले तमाम परिवारों में से 64 प्रतिशत परिवारों के कम से कम एक सदस्य को रोजगार पाने में सफलता हाथ लगी है। सर्वेक्षण के अनुसार सबसे ज्यादा 60.4 प्रतिशत रोजगार निजी क्षेत्र में पैदा हुआ, इसके बाद 21.2 प्रतिशत सरकारी क्षेत्र और 5.2 प्रतिशत ने स्वरोजगार में ही अपनी जीविका हासिल की। देश के प्रमुख उद्योग मंडल पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष सामने आया है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि सवालों के जवाब देने वाले 75 प्रतिशत परिवारों में से 64 प्रतिशत परिवार का कम से कम एक व्यक्ति अपने लिए उपयुक्त रोजगार पाने में सफल रहा। सर्वेक्षण की खास बात यह रही है कि जितने रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं उनमें आधे से ज्यादा रोजगार सूक्ष्म और लघु उद्योगों में पैदा हुए हैं। जबकि आधे से कुछ कम रोजगार बड़े और मध्यम दर्जे के उद्योगों में सृजित हुए।

उद्योग मंडल ने देश में आर्थिक वृद्धि और उसके साथ ही देश की बढ़ती युवा आबादी के लिए रोजगार सृजन को लेकर यह अध्ययन किया। कुल मिलाकर उद्योग मंडल को 27 हजार लोगों से जवाब प्राप्त हुए इनमें 55 प्रतिशत शहरी क्षेत्र से और 45 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र से रहे हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक सबसे जिन लोगों को रोजगार मिले उनमें सबसे ज्यादा 12.5 प्रतिशत को बैंकिंग क्षेत्र में रोजगार मिला। इसके बाद 12.1 प्रतिशत को शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में रोजगार मिला। इसके बाद आईटी, आईटी सेवाओं, कर, आंकड़ा विश्लेषण, सलाहकार सेवाओं, कानूनी सेवाओं, पुलिस सेवा, अध्यापन, फैशन डिजाइनिंग जैसे कई क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा हुए।

पीएचडी उद्योग मंडल के अध्यक्ष राजीव तलवार ने सर्वेक्षण पर कहा, ‘सर्वेक्षण के तहत जवाब देने वालों में रोजगार चाहने वालों और रोजगार पाने में सफल रहने वालों में सबसे ज्यादा 77 प्रतिशत महानगरों में रहे। उसके बाद दूसरी श्रेणी के शहरों में 67 प्रतिशत, पहली श्रेणी के शहरों से 61 प्रतिशत, ग्रामीण इलाकों से 49 प्रतिशत को रोजगार पाने में सफलता मिली।

सर्वेक्षण में कहा गया है पिछले पांच साल 2014 से 2018 के दौरान सबसे ज्यादा रोजगार महानगरों में पैदा हुए। इसके बाद दूसरी श्रेणी के शहरों का स्थान रहा। दूसरी श्रेणी के शहरों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें शिक्षा के भी बेहतर अवसर पैदा हो रहे हैं। तलवार ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान 18 से 35 आयुवर्ग के युवाओं को ज्यादा रोजगार प्राप्त हुआ। रोजगार पाने वालों में 86 प्रतिशत युवा इसी आयुवर्ग से हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक पिछले पांच साल के दौरान सबसे ज्यादा रोजगार 60.4 प्रतिशत निजी क्षेत्र में उपलध कराया गया। इसके बाद 21.2 प्रतिशत सरकारी क्षेत्र में, 5.2 प्रतिशत को स्वरोजगार में ही जीविका रास्ता मिला, 5.1 प्रतिशत को सार्वजनिक उपक्रमों और 3.3 प्रतिशत को सार्वजनिक- निजी भागीदारी तथा 4.8 प्रतिशत को अन्य क्षेत्रों में रोजगार मिला।

सर्वेक्षण में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक बड़ी और मध्यम श्रेणी के उद्योगों ने 49 प्रतिशत रोजगार का सृजन किया। इसमें बड़ी उद्योगों में 30 प्रतिशत और मध्यम आकार के उद्योगों में 19 प्रतिशत रोजगार पैदा हुआ। दूसरी तरफ छोटे और सूक्ष्म उद्योगों में 51 प्रतिशत रोजगार पैदा हुआ। इसमें से छोटे उद्योगों में 22 प्रतिशत और शेष 29 प्रतिशत रोजगार सूक्ष्म उद्योगों में सृजित हुआ है। तलवार ने कहा कि यह देखना काफी उत्साहवर्धक है कि आधे से ज्यादा रोजगार के अवसर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों में पैदा हुए। सरकार ने इस क्षेत्र में जो सुधारवादी कदम उठाए यह उसी का नतीजा लगता है। 


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shukdev

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