प्रेमानंद महाराज के लिए 524 किलोमीटर की पैदल यात्रा, संगम का जल लेकर पहुंचा भक्त

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 12:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: वृंदावन के प्रसिद्ध आचार्य प्रेमानंद महाराज के प्रति श्रद्धा और भक्ति के उदाहरण के रूप में, दो युवा भक्त रोहित मालन और गौरव मालन ने 524 किलोमीटर की पैदल यात्रा की है। इस यात्रा का उद्देश्य है आचार्य प्रेमानंद महाराज के पास संगम का जल पहुंचाना, ताकि उन्हें गुरु के आशीर्वाद से लाभ मिल सके। इस अनूठी यात्रा के दौरान इन दोनों ने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन गुरु के प्रति उनकी श्रद्धा ने उन्हें इस मुश्किल यात्रा को पूरा करने की शक्ति दी। अलीगढ़ के रहने वाले रोहित और गौरव ने 10 दिन पहले प्रयागराज के संगम से जल लेकर इस कठिन यात्रा की शुरुआत की थी। उनके मुताबिक, आचार्य प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि संगम भूमि पर संत महात्माओं के दर्शन होते हैं, लेकिन वह वृंदावन छोड़कर नहीं जाएंगे। इस पर श्रद्धालुओं ने संगम का जल लेकर आचार्य के पास पहुंचने का संकल्प लिया, ताकि वे गुरु के आशीर्वाद से लाभान्वित हो सकें।

यात्रा के दौरान आए कई कठिन पल

रोहित और गौरव ने बताया कि यात्रा के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे रास्ते में खाने-पीने की व्यवस्था और पैदल यात्रा की थकावट। हालांकि, गुरु के आशीर्वाद से हर मुश्किल आसान हो गई और रास्ते में कई लोगों ने उनकी मदद की। उन्होंने बताया कि उन्हें हमेशा गुरु की कृपा का अहसास होता था, जो उनके मनोबल को बनाए रखता था। इटावा में पहुंचने के बाद इन दोनों ने एक महत्वपूर्ण पड़ाव पार किया है और अब वे अंतिम 175 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए उत्साहित हैं।

PunjabKesari

गुरु के प्रति समर्पण और श्रद्धा

गौरव मालन ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करना है। वह कहते हैं, "गुरु के आशीर्वाद से ही हम इतनी लंबी यात्रा कर पाए हैं।" रोहित मालन का कहना है, "गुरु की कृपा से हम यह सफर तय कर रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि हम जल्द ही वृंदावन पहुंचेंगे और आचार्य प्रेमानंद महाराज को संगम का जल अर्पित करेंगे।"

PunjabKesari

आचार्य प्रेमानंद महाराज की विशेषता

आचार्य प्रेमानंद महाराज अपने भक्तों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हैं और उनकी शिक्षाओं का पालन करने वाले श्रद्धालु उन्हें अपनी जिंदगी का मार्गदर्शक मानते हैं। उनके अनुयायी तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं, जैसे रंगोली बनाना, राधे-राधे गाना, और डमरू बजाकर उन्हें रिझाना। इस बार रोहित और गौरव ने अपने अनूठे तरीके से आचार्य प्रेमानंद के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News