बुलेट ट्रेन परियोजना से 50 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2017 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्ली : मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल यानी बुलेट ट्रेन परियोजना में तकरीबन 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं 20 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलेगा जबकि निर्माण कार्य में भी 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार हासिल होगा। इससे जापान के सहयोग से निर्मित हो रहे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) में निवेश एवं औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में अच्छी खासी तेजी आने की संभावना है।

रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने बुलेट ट्रेन परियोजना के आर्थिक पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि 508 किलोमीटर लंबी हाईस्पीड रेलवे लाइन पर रेल परिचालन के लिए चार हजार कर्मियों की जरूरत होगी। वडोदरा में राष्ट्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान के समीप ही एक समर्पित हाईस्पीड रेल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जा रही है।

पीएम मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे रखेंगे आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे गुरुवार को अहमदाबाद में संयुक्त रूप से हाईस्पीड रेललाइन के साबरमती यात्री परिसर और प्रशिक्षण संस्थान दोनों की आधारशिला रखेंगे। सूत्रों ने बताया कि शिलान्यास के बाद दोनों जगहों पर निर्माण शुरू हो जाएगा। रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा तथा एक साल के भीतर ही द्रुत गति से निर्माण चालू हो जाएगा।

प्रशिक्षण संस्थान 2020 के अंत तक काम करना शुरू करेगा
सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण संस्थान वर्ष 2020 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा और अगले तीन साल में चार हजार कर्मियों को परिचालन एवं अनुरक्षण में प्रशिक्षित करेगा। सिम्युलेटर आदि अत्याधुनिक यंत्रों से सुसज्जित यह प्रशिक्षण संस्थान मानव संसाधन विकास के लिए विदेशों पर निर्भरता को दूर करेगा। इसमें देश में डायमंड चतुर्भुज हाईस्पीड कॉरीडोरों के विकास के लिए भी प्रशिक्षण जरूरतें पूरी की जाएंगी।

300 युवा अधिकारी जापान में हाईस्पीड ट्रैक प्रौद्योगिकी का ले रहे हैं प्रशिक्षण 
इस परियोजना के लिए भारतीय रेलवे के 300 युवा अधिकारी जापान में हाईस्पीड ट्रैक प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जापान की सरकार ने भी मानव संसाधन विकास की जरूरतों को देखते हुए अपने देश के विश्वविद्यालयों में भारतीय रेलवे के अधिकारियों के लिए मास्टर्स प्रोग्राम के लिए 20 सीट प्रतिवर्ष आरक्षित की है। सूत्रों के अनुसार, पहले अनुमान लगाया गया था कि परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए करीब 20 हजार कामगारों की जरूरत पड़ेगी, लेकिन अब जब परियोजना के क्रियान्वयन की सीमा करीब डेढ़ साल घटाने का फैसला हुआ है तो कामगारों की संख्या बढ़ाए जाने की संभावना है।

जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) ने मार्च 2016 में तकनीकी मानकों, विनियमों, स्टेशन क्षेत्र विकास, अंतिम स्थान सर्वेक्षण, संरक्षा एवं मानव संसाधन विकास के बिन्दुओं पर अध्ययन आरंभ किया है जो एक-दो माह में पूरा होने की उम्मीद है। डिजाइन, निविदा तथा तकनीकी मानकीकरण एवं विशिष्टता आदि के दस्तावेजों को अंतिम रूप देने का काम जोरों पर है। भारत एवं जापान के चार तकनीकी संयुक्त उपसमूह ट्रैक, सिविल निर्माण, रोङ्क्षलग स्टॉक, इलेक्ट्रिकल और सिग्नल एवं टेलीकॉम के क्षेत्र में तकनीकी मानकीकरण कर रहे हैं।

बुलेट ट्रेन परियोजना से शहरी विकास को मिलेगा बढ़ावा
बुलेट ट्रेन परियोजना से लाइन के आसपास के इलाकों में औद्योगिक एवं शहरी विकास को भी बढ़ावा मिलना तय है। जापान के सहयोग से बन रहे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) में निवेश एवं औद्योगिक इकाइयों की स्थापना भी तेज होगी। डीएमआईसी परियोजना अपनी तरह का पहला औद्योगिक गलियारा है जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2011 में परियोजना कार्यान्वयन फंड के रूप में 17,500 करोड़ रुपए का अनुदान देकर मंजूर किया था।

परियोजना विकास गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कोष भी दिया गया। जापान की सरकार ने डीएमआईसी परियोजना के पहले चरण में 4.5 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता दी है। आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि बुलेट ट्रेन परियोजना से होने वाले विकास और डीएमआईसी में प्रगति से बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होगा। 


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