हरियाणा की जेलों से जनवरी में 50 के करीब कैदी होंगे रिहा

punjabkesari.in Saturday, Dec 24, 2022 - 07:42 PM (IST)

चंडीगढ़, 24 दिसंबर (अर्चना सेठी) हरियाणा सरकार के जेल विभाग ने सलाखों के पीछे बंद 50 के करीब कैदियों को केंद्र सरकार की विशेष रिहाई योजना के अंतर्गत प्रदेश की जेलों से रिहा करने का फैसला किया है। कुछ महीने पहले केंद्रीय मंत्रीमंडल ने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत जेलों में कैद कुछ श्रेणी के बंदियों को रिहा करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी। हरियाणा जेल विभाग के नवंबर 2022 आंकड़ों के मुताबिक 20 जेलों में 25,872 कैदी बंद हैं। उनमें से 24,982 पुरुष जबकि 890 महिला कैदी हैं।  जेलों में 5617 पुरुष जबकि 181 महिला बंदी सजायाफ्ता कैदी हैं और 19,365 पुरुष, 709 महिलाऐं विचाराधीन अपराधी हैं। 
 

अगस्त में किए थे 56 कैदी रिहा
हरियाणा के जेल विभाग ने विशेष रिहाई योजना की शुरुआत 15 अगस्त से की थी। तत्तकालीन समय में प्रदेश सरकार ने जेलों में बंद 56 कैदियों को रिहा किया था जबकि अब योजना के दूसरे चरण में 26 जनवरी 2023 में 50 के करीब कैदियों को रिहा करने की तैयारियां की जा रही हैं। तीसरे चरण में 15 अगस्त 2023 को भी इसी विशेष योजना के तहत अच्छे आचरण वाले कुछ अन्य बंदियों को रिहा किया जाएगा। जेलों से कैदियों को रिहा करने के लिए केंद्रीय सरकार द्बारा जारी किए गए खास मानदंडों को ध्यान में रखा जा रहा है। केंद्र द्बारा जारी मानदंडों में छोटे अपराधों में बंद कैदियों को रिहा करने की बात कही गई है जबकि गंभीर किस्म के अपराधियों जैसे हत्या, बलात्कार, एनडीपीएस या डकैती के अपराध में जेल में बंद कैदियों को इस योजना से दूर रखा गया है। मानदंडों में हल्के व छोटे अपराधों की वजह से बंद सिर्फ उन कैदियों को समय से पहले रिहा करने के लिए कहा गया है जिनका जेल परिसर में अच्छा आचरण रहता है। 

 

केंद्र की ओर से जारी मानदंडों में विशेष रिहाई के लिर्ए  बनाए गए हैं विशेष वर्ग . . . . 
1. 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिला और ट्रांसजेंडर अपराधी जो कुल सजा अवधि में से सजा की 50 प्रतिशत अवधि जेल में पूरी कर चुके हैं। 
2. 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुष अपराधी जो इपनी कुल सजा अवधि में से सजा का आधा हिस्सा पूरा कर चुके हैं।
3. शारीरिक विकलांग या विशेष रुप से विकलांग कैदी जो 70 फीसदी विकलांग है और सजा अवधि में से आधे हिस्से की सजा जेल में काट चुके हैं। 
4.गंभीर रूप से बीमार कैदी जो जेल में दो तिहाई सजा काट चुके हैं और मेडिकल बोर्ड ने उनकी बीमारी को प्रमाणित किया है।          
5.गरीब कैदी जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन अपराध के अनुरूप वे जुर्माना भरने में असमर्थता की वजहसे सलाखों के पीछे रहने के लिए मजबूर हैं। 
6. 18 से 21 वर्ष आयुवर्ग के अपराधी जिन्होंने एक जुर्म के बाद कोई अन्य अपराध नहीं किया और सजा की आधी अवधि पूरी कर चुके हैं। 

 

पहली दफा ऐसी योजना में कैदी किए जा रहे रिहा
हरियाणा जेल विभाग के महानिदेशक मोहम्मद अकील का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ही प्रदेश सरकार ने अमृत महोत्सव की विशेष रिहाई योजना के अंतर्गत केंद्र के मानदंडों के अनुसार जेलों में बंद कुछ कैदियों को समय से पहले रिहा करने का फैसला किया है। ऐसी रिहाई जेल के इतिहास में पहली दफा की जा रही हैं। यह रिहाई तीन चरणों में की जा रही हैं। पहले चरण की रिहाई की शुरुआत अगस्त महीने में की गई थी। जनवरी 2023 में दूसरे चरण की रिहाई की जा रही है और तीसरे चरण में अगस्त 2023 में कुछ कैदियों को खास मानदंडों को ध्यान में रखते हुए समय से  पहले जेल से रिहा किया जाएगा। सिर्फ अच्छे आचरण और बदले हुए व्यवहार वाले कैदियों को विशेष रिहाई योजना का लाभ दिया जा रहा है परंतु किन कैदियों को रिहा किया जाएगा इसका फैसला करने के लिए विशेष बोर्ड का गठन किया गया है। बोर्ड ने कैदियों के आचरण, उनके अपराध और सजा की अवधि को ध्यान में रखते हुए कुछ वर्गों के कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। गंभीर जुर्मों की वजह से बंद कैदियों के लिए यह योजना नहीं है।
 

 

कैदी होंगे अच्छे आचरण के लिए प्रेरित
हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला का कहना है कि योजना का उद्देश्य है कि अगर सलाखों के पीछे रहकर आधी सजा काट चुके कैदियों का व्यवहार बदलता है और वह अच्छा आचरण करने लगे हैं तो उनको समय से पहले छूट दी जाए ताकि वह वापिस समाज में जाकर अच्छे आचरण की कीमत को समझें और एक अच्छे नागरिक व देशवासी बनने के लिए प्रेरित हो सकें। 

 

बाक्स 
केंद सरकार की विशेष रिहाई योजना की शुरुआत नरेंद्र मोदी सरकार ने जुलाई 2018 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को चिन्हित करने के लिए की थी। तत्तकालीन समय में भी कई कैदियों को तीन चरणों में रिहा किया था। 2 अक्तूबर 2018 (महात्मा गांधी जयंती), 10 अप्रैल 2019 (चंपारण सत्याग्रह की वर्षगांठ) और 2 अक्तूबर 2019 (महात्मा गांधी की जयंती)। उसी तर्ज पर अब केंद्र सरकार ने अमृत महोत्सव के दौरान प्रदेश को जेलों से कुछ कैदियों को रिहा करने के निर्देश दिए हैं। 

 


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News Editor

Archna Sethi

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